जमीन के बदले नौकरी के लिए एनटीपीसी कार्यालय के चक्कर काटकर थक गए ग्रामीण

Hazaribagh। जिले के बड़कागांव में एनटीपीसी कोल खनन परियोजना जहां कोयला निकालने का कार्य कर रही है, वहीं यहां के ग्रामीण हर सुविधा से महरूम हैं। ऐसा ही मामला केरेडारी कोयला खनन कार्यालय सीकरी का आया है, जहां कंपनी द्वारा लालच देकर रैयतों से जमीन लेती है। जमीन लेने के समय कंपनी रैयतों से कहती है कि पैसा, रोजगार सब मिलेगा लेकिन जमीन ले लेने के बाद ग्रामीण कंगाल हो जा रहे हैं। कारण कि कंपनी द्वारा अब तक 20 प्रतिशत लोगों को ही रोजगार दी गई है। वह भी ठेकेदार के अंदर।

ग्रामीणों ने बताया की जमीन देने के बाद जब भी रोजगार या अन्य सुविधा के लिए सीकरी ऑफिस जाते हैं तो वहां के साहब मिलने से बाज आ जाते हैं। कई ग्रामीणों के चप्पल भी घिस गए लेकिन साहब मिलते ही नहीं। उन्हें गेट के अंदर जाने तक नहीं दिया जाता और कभी जाने दिया जाता तो वहां के एचआर, एजीएम जीएम मिलते तक नहीं। ऐसे में ग्रामीण अब अपने आप को ठगा महसूस करने लगे हैं।

मामला इतना ही नहीं है। जमीन के बदले जब किसी को रोजगार दिया जाता है तो उसे बेवजह परेशान कर रोजगार से हटा दिया जाता है। कई बार ग्रामीण इसकी शिकायत प्रशासन से करते हैं। फिर भी कोई पहल नहीं हुआ। ग्रामीणों ने कहा कि अब कंपनी के खिलाफ एकजुट होकर आंदोलन करंगे और सड़क पर उतरने को बाध्य होंगे। इस बाबत एनटीपीसी के अधिकारी से पूछे जाने पर कुछ भी बताने से परहेज किया।

इस संबध में भारतीय समाजिक कार्यकर्ता डॉ देवेन्द्र सिंह देव ने कहा कि एनटीपीसी के इस मनमानी रवैये से ग्रामीण परेशान हैं। एनटीपीसी के खिलाफ प्रशासन के पास शिकायत करने पर उल्टा प्रशासन ग्रामीणों पर ही केस कर देते हैं। ऐसे में ग्रामीण अब कहां जाएं और अपनी दुखड़ा कसको सुनाएं। मैं इस मामले को पीएमओ अवगत कराऊंगा।

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