आपका अधिकार आपका दरवाजा खटखटा रहा है, आप आगे आएं और अपनी जरूरत की योजना को घर ले जाएं : मुख्यमंत्री

आपका अधिकार आपका दरवाजा खटखटा रहा है, आप आगे आएं और अपनी जरूरत की योजना को घर ले जाएं : मुख्यमंत्री

Gumla। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि आने वाले पांच वर्षों में आपको इतना मजबूत बनाएंगे कि आपको किसी से मदद मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आप अपने बलबूते अपने विकास का रास्ता तय करेंगे और राज्य की तस्वीर एवं तकदीर बदलने में राज्य सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चलेंगे।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार काे गुमला जिले के सिसई प्रखंड अंतर्गत शिवनाथपुर पंचायत के पण्डरानी ग्राम में आयोजित चौथे चरण के “आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार” कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ये बातें कही। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में हर घर में हर वर्ष एक लाख रुपए पहुंचाने का हमारा संकल्प है। मुख्यमंत्री ने कहा कि “आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार ” का चौथा चरण चल रहा है । हर गांव- मोहल्ला- टोला में शिविर लगाकर आपकी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है । मेरा आपसे कहना है कि आपका अधिकार आपका दरवाजा खटखटा रहा है। आप आगे आएं और और अपनी जरूरत की योजना को अपने घर में ले जाएं। हमारी कोशिश विभिन्न योजनाओं के माध्यम से आपके और आपके परिवार को सशक्त और स्वावलंबी बनाना है।

आपका अधिकार आपका दरवाजा खटखटा रहा है, आप आगे आएं और अपनी जरूरत की योजना को घर ले जाएं : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आज भी कई ऐसे सुदूर गांव है, जहां आने जाने का कोई रास्ता नहीं है । इन गांवों में कोई अधिकारी कभी गया ही नहीं है। बीडीओ -सीओ और डीसी -एसपी कौन हैं, उनकी जानकारी तक उन्हें नहीं होती है। लेकिन, आज उन्ही गांवों में पगडंडियों पर चलते हुए अधिकारी आपके घर पहुंच रहे हैं और विभिन्न योजनाओं का लाभ देने के साथ ऑन द स्पॉट आपकी समस्याओं का निष्पादन रहे हैं।

आपकी सोच और जरूरत के अनुरूप बन रही योजनाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार जो भी योजनाएं बना रही है, वह आपकी सोच और जरूरत को ध्यान में रखकर हैं। हम अपनी इन योजनाओं के माध्यम से आपको आगे बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं। क्योंकि, जब आप सशक्त होंगे तो राज्य भी मजबूत बनेगा। उन्होंने यह भी कहा कि “आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार” कार्यक्रम में जो भी आवेदन आते हैं, उनका भी ध्यान योजनाओं के निर्धारण में किया जाता है, क्योंकि इससे हमें अपनी जनता के वास्तविक हालात की जानकारी प्राप्त होती है।

लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाना है

मुख्यमंत्री ने कहा कि वही सरकार सफल होती है, जो अपने राज्य के लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाती है। हमारी कोशिश हर व्यक्ति के चेहरे पर खुशी लाना है। इसी संकल्प के साथ लगातार कार्य कर रहे हैं। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि ये सरकार रांची हेडक्वार्टर से नहीं बल्कि गांव और देहात से चल रही है। ग्रामीणों की समस्याओं से हम भली- भांति वाकिफ हैं। ऐसे में ग्रामीण व्यवस्था की मजबूती हमारी प्रतिबद्धता है।

यह झारखंड वासियों की सरकार है

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह झारखंड वासियों की सरकार है। यहां के आदिवासी- मूलवासी वर्षों से काफी पिछड़े रहे हैं। पिछले 20 वर्षों में ये हमेशा हाशिये पर रहे लेकिन इन्हें आगे बढ़ाने के लिए हमारी सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इस कड़ी में कई नीतियां और योजनाएं बनाई गई हैं, जिनके जरिए झारखंड वासियों के सशक्तीकरण की दिशा में हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

आदिवासियों की पहचान बनाए रखने के लिए कृत संकल्पित

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की पहचान आदिवासियों से है। ऐसे में आदिवासी पहचान को बनाए रखना हमारा संकल्प है। इस कड़ी में आदिवासियों के लिए अलग सरना कोड का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है । आदिवासियों के उत्थान के लिए कई योजनाएं लेकर हम आए हैं। यहां के आदिवासी अपनी काबिलियत के बल पर अपना और राज्य का नाम रोशन करें, सरकार हमेशा उनके साथ खड़ी है।

जल -जंगल- जमीन के साथ होता रहा खिलवाड़

मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा, सिदो -कान्हू, तिलका मांझी, बुधु भगत और नीलाम्बर पीताम्बर जैसे अनेकों वीरों ने जल- जंगल- जमीन की रक्षा एवं अन्याय, शोषण जुल्म के खिलाफ अपनी शहादत दी थी। लेकिन आज उद्योग- धंधे, खनन एवं फैक्टरी लगाने के नाम पर जल -जंगल- जमीन के साथ छेड़छाड़ हो रही है। इस वजह से यहां के आदिवासी- मूलवासी विस्थापित होते गए। उनकी जमीन पर किसी और का कब्जा हो गया लेकिन हमारी सरकार जल- जंगल- जमीन की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इस सिलसिले में नेतरहाट फायरिंग रेंज को बंद कर हमने ग्रामीणों को उनकी जमीन वापस करने का काम किया है ।व्यक्तिगत और सामुदायिक वन पट्टा प्रदान किया जा रहा है, ताकि आदिवासियों को को जल -जंगल- जमीन पर अधिकार फिर से दे सकें।

18 वर्ष से अधिक की बहन- बेटियां भी दे सकती हैं अग्रिम आवेदन

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड मुख्यमंत्री मईंयां सम्मान योजना नारी सशक्तीकरण की दिशा में उठाया गया एक मजबूत कदम है । इस योजना को लेकर राज्य की बहन- बेटियों में अदभुत उत्साह देखने को मिल रहा है । अभी इस योजना का लाभ 21 से 50 वर्ष की महिलाओं को मिल रहा है लेकिन योजना के प्रति बहन- बेटियों का जबरदस्त उत्साह देखते हुए हमने 18 वर्ष से ही इस योजना का लाभ बहन- बेटियों को देने का निर्णय लिया है। इस सिलसिले में जल्द ही नीति बनाई जाएगी। मैं राज्य की बहन- बेटियों से कहना चाहता हूं कि वे “आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार” कार्यक्रम के तहत आयोजित शिविरों में अग्रिम आवेदन दें ताकि उन्हें इस योजना का लाभ देने की प्रक्रिया भी आरंभ हो जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नियुक्तियों का मामला हो या स्वरोजगार का। शिक्षा, कृषि, पशुपालन और ग्रामीण विकास समेत अन्य सभी सेक्टर। हर क्षेत्र के विकास के लिए सरकार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए बिरसा हरित ग्राम योजना और मुख्यमंत्री पशुधन योजना है तो राज्य के बच्चे- बच्चियों की बेहतर शिक्षा के लिए सरकार आर्थिक सहयोग कर रही है।

गुमला और लोहरदगा जिले को मिलीं कई सौगातें

मुख्यमंत्री ने आपकी योजना- आपकी सरकार- आपके द्वार कार्यक्रम में गुमला एवं लोहरदगा जिले को कुल 1222 करोड़ 32 लाख 48 हजार रुपये की 347 योजनाओं का तोहफा एवं लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण किया। इसमें गुमला जिला अंतर्गत 636 करोड़ 74 लाख 57 हज़ार रुपये की 159 योजनाओं का उद्घाटन-शिलान्यास शामिल है जबकि लोहरदगा जिला अंतर्गत 367 करोड़ 86 लाख 28 हज़ार रुपये की 188 योजनाओं का उद्घाटन-शिलान्यास संपन्न हुआ। इस अवसर पर इन दोनों जिलों के 162769 लाभुकों के बीच लगभग 217 करोड़ 71 लाख 17 हजार रुपये की परिसंपत्तियां बांटी गईं। इसमें गुमला जिला अंतर्गत 150678 लाभुकों के बीच लगभग 204 करोड़ 88 लाख 80 हजार रुपये एवं लोहरदगा जिला अंतर्गत 12091 लाभुकों के बीच 12 करोड़ 82 लाख रुपये की परिसंपत्तियों का वितरण हुआ।

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