अहमदाबाद। भारत की सबसे बड़ी रिन्यूएबल एनर्जी (आरई) कंपनी और विश्व में दूसरी सबसे बड़ी सोलर पीवी डेवलपर, अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) ने राष्ट्रीय ग्रिड को बिजली की आपूर्ति करके खावड़ा, गुजरात में 551 मेगावाट सोलर क्षमता के परिचालन की शुरुआत की है।
एजीईएल ने खावड़ा आरई पार्क पर काम शुरू करने के मात्र 12 महीनों के भीतर यह उपलब्धि हासिल की है। इसकी शुरुआत सड़कों और कनेक्टिविटी के साथ ही इंफ्रास्ट्रक्टर के विकास और एक आत्मनिर्भर सामाजिक इकोसिस्टम के निर्माण से की गई थी। एजीईएल कच्छ के रण के चुनौतीपूर्ण और बंजर इलाके को अपने 8,000 मजबूत कार्यबल के लिए रहने योग्य वातावरण में तब्दील करने में सक्षम रहा है।
एजीईएल की योजना इस आरई पार्क में 30 गीगावॉट रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता विकसित करने की है। उम्मीद है कि यह सुनियोजित प्लांट आगामी पांच वर्षों में शुरू हो जाएगा। साथ ही यह भी उम्मीद है कि खावड़ा आरई पार्क, पूरा होने पर विश्व का सबसे बड़ा रिन्यूएबल एनर्जी प्रतिष्ठान होगा। खावड़ा आरई पार्क सालाना 16.1 मिलियन घरों को बिजली देने में कारगर साबित हो सकता है। एजीईएल को बड़े पैमाने पर रिन्यूएबल प्रोजेक्ट्स, मजबूत आपूर्ति श्रृंखला नेटवर्क और तकनीकी कौशल के विकास में विशेषज्ञता प्राप्त है। ऐसे में, इस रिकॉर्ड-सेटिंग गीगा-स्केल प्लांट के निर्माण के लिए एजीईएल सबसे अच्छी स्थिति में है, जिसका दुनिया के स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में कोई सानी नहीं है। यह क्षेत्र देश में सबसे उत्तम पवन और सौर संसाधनों में से एक है, जो गीगा-स्केल आरई विकास के लिए इसे आदर्श स्त्रोत बनाता है। एजीईएल ने न सिर्फ व्यापक अध्ययन किया, बल्कि विभिन्न नवीनतम समाधान भी जारी किए हैं, ताकि प्लांट के विकास में तेजी लाई जा सके।
अदाणी ग्रूप के चेयरमैन, गौतम अदाणी ने कहा, “अदाणी ग्रीन एनर्जी सौर और पवन के लिए दुनिया के सबसे व्यापक रिन्यूएबल एनर्जी इकोसिस्टम्स में से एक का निर्माण कर रही है। खावड़ा आरई प्लांट जैसे साहसिक और अभिनव प्रोजेक्ट्स के माध्यम से, एजीईएल उच्च वैश्विक मानक स्थापित करना और गीगा-स्केल रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स के लिए विश्व की योजना और निष्पादन मानकों को पुनर्स्थापित करना जारी रखता है। यह उपलब्धि वर्ष 2030 तक 500 गीगावॉट रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता और कार्बन तटस्थता के अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्यों की दिशा में भारत की न्यायसंगत स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण यात्रा को तेजी से बढ़ावा देने में अदाणी ग्रुप की प्रतिबद्धता और अग्रणी भूमिका का प्रमाण है।
भारत सतत ऊर्जा भविष्य पर वैश्विक संवाद को वास्तविक आकार दे रहा है। इसके अनुरूप, एजीईएल किफायती और विश्वसनीय स्वच्छ ऊर्जा में क्रांति लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) भारत की सबसे बड़ी और विश्व की अग्रणी रिन्यूएबल एनर्जी कंपनियों में से एक है, जो स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन को सक्षम बनाती है। एजीईएल यूटिलिटी स्केल ग्रिड से जुड़े सौर, पवन और हाइब्रिड रिन्यूएबल एनर्जी प्लांट्स का विकास, स्वामित्व और संचालन करता है। एजीईएल के पास 20.8 गीगावाट (जीडब्ल्यू) तक के लॉक-इन विकास पथ के साथ ही वर्तमान में 9 गीगावॉट से अधिक का ऑपरेटिंग रिन्यूएबल पोर्टफोलियो है, जो भारत में सबसे बड़ा है और जिसका विस्तार 12 राज्यों में है। एजीईएल को कई ऐतिहासिक रिन्यूएबल एनर्जी पॉवर प्लांट्स विकसित करने का श्रेय जाता है। इनमें से नवीनतम, राजस्थान के जैसलमेर में 2,140 मेगावाट (मेगावाट) का दुनिया का सबसे बड़ा पवन-सौर हाइब्रिड पॉवर क्लस्टर है। कंपनी का लक्ष्य भारत के डीकार्बनाइजेशन लक्ष्यों के अनुरूप वर्ष 2023 तक 45 गीगावॉट हासिल करने का है। एजीईएल ऊर्जा की स्तरीय लागत (एलसीओई) को कम करने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने पर केंद्रित है, ताकि किफायती स्वच्छ ऊर्जा को बड़े पैमाने पर अपनाने के लिए सक्षम बनाया जा सके। एजीईएल के ऑपरेटिंग पोर्टफोलियो को ‘200 मेगावाट से अधिक क्षमता वाले प्लांट्स के लिए जल सकारात्मक, एकल उपयोग प्लास्टिक मुक्त’ और ‘शून्य अपशिष्ट-से-लैंडफिल’ प्रमाणित किया गया है, जो सतत विकास को बढ़ावा देने की कंपनी की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
गुजरात के कच्छ जिले में स्थित खावड़ा, पवन और सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट्स के लिए एक आदर्श स्थान है। इस क्षेत्र में 2,060 किलोवाट घंटे प्रति वर्ग मीटर उच्च सौर विकिरण देखा जाता है, जो इसे सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए आदर्श स्थान बनाता है। इस स्थान को ~8 मीटर प्रति सेकंड की गति के साथ भारत में सबसे उत्तम पवन संसाधनों की उपलब्धता का आशीर्वाद भी प्राप्त है।
भूमि तैयार करना
इस साइट का विकास शुरू करने से पहले, विगत 5 वर्षों में अदाणी ग्रीन द्वारा विभिन्न अध्ययन किए गए हैं, जिनमें भू-तकनीकी जांच, भूकंपीय अध्ययन, सेंट्रीफ्यूज परीक्षण, संसाधन मूल्यांकन अध्ययन, भूमि अध्ययन, पर्यावरण और सामाजिक प्रभाव आकलन, पर्यावरण और सामाजिक उचित परिश्रम, और विस्तृत व्यवहार्यता अध्ययन, आदि शामिल हैं। एजीईएल ने खावड़ा में नवीनतम समाधानों की पेशकश की है, जो दुनिया भर में गीगा-स्केल आरई पार्क्स के लिए एक स्केलेबल ब्लूप्रिंट प्रदान करेंगे। उदाहरण के लिए, अद्वितीय मिट्टी के स्तर को संबोधित करने के लिए, एजीईएल ने भूमिगत पत्थर के स्तंभों को जारी किया, ताकि मिट्टी की ताकत को बढ़ाया जा सके।
कंपनी द्वारा 5.2 मेगावाट क्षमता वाला भारत का सबसे बड़ा ऑनशोर पवन टरबाइन जनरेटर, बाइफेशियल सोलर पीवी मॉड्यूल और क्षैतिज सिंगल-एक्सिस ट्रैकर सिस्टम्स भी जारी किया जा रहा है। इसे एआई/एमएल इंटीग्रेशन के साथ अपने अत्याधुनिक एनर्जी नेटवर्क ऑपरेशन सेंटर (ईएनओसी) प्लेटफॉर्म से लाभ मिलेगा, जो वास्तविक समय में ऑटोमेटेड मॉनिटरिंग को सक्षम करेगा।
स्वदेशीकरण और सतत विकास पर ध्यान
आत्मनिर्भर भारत दृष्टिकोण के अनुरूप, एजीईएल सिर्फ स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन पर ही नहीं, बल्कि स्वदेशी और सुदृढ़ आपूर्ति श्रृंखला विकसित करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है, जिसमें डब्ल्यूटीजी और ट्रैकर्स जैसी स्थानीय खरीद की हिस्सेदारी में उल्लेखनीय वृद्धि शामिल है।
यह प्रोजेक्ट सोलर पैनल्स पर धूल संचय को संबोधित करने के लिए जल रहित रोबोटिक सफाई का उपयोग करता है। इससे शुष्क कच्छ क्षेत्र में पानी का संरक्षण करके और बिजली उत्पादन को अधिकतम करके संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य 6 में विशेष योगदान मिलेगा।
एजीईएल अपने ईएसजी प्रयासों के रूप में शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, जल संरक्षण और सामुदायिक इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करने के साथ ही क्षेत्र के विभिन्न गांवों में सामुदायिक विकास पहल में सक्रिय रूप से योगदान दे रहा है। यह क्षेत्र में सामाजिक और प्राकृतिक पूंजी को बढ़ावा देने के लिए इसकी समग्र प्रतिबद्धता को दर्शाता है।