Ranchi : एसएस मेमोरियल कॉलेज रांची में एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। जिसमें यूरोपियन देश की प्राध्यापिका सूरज सिंह मेमोरियल महाविद्यालय में इटली के तोरिनो विश्वविद्यालय में हिंदी कि प्राध्यापिका आलेसैंड्रा कॉन्सोलारो का संभाषण सत्र हुआ। उन्होंने भारत के ज्ञान दर्शन, भारतीय भाषा संस्कृति, ज्ञान परंपरा, योग विद्या भारत के संबंध में यूरोपीय देश इटली का अंतर में कहा कि भारत में विविध संस्कृति से भरा देश है। भारत विविधता से भरा है । यहां की परंपरा बहुत अच्छा है अतिथि देवों भव की भावना सभी में होती है। वह बताई कि वे अनुवाद साहित्य में भी बहुत कार्य की है इसी सिलसिले में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली में उनका आगमन हुआ था। रांची आना बहुत यादगार रहेगा अनुवाद साहित्य का जुड़ाव आत्मा से है।
गूगल व ए आई अनुवाद साहित्य में कारगर नहीं है अनुवाद केवल शब्द का प्रयोग नहीं बल्कि उसमें हृदय का भाव भी रहता है तब हम उसे आत्मसात करते है अनुवाद में यदि भाव नहीं हो तब वह ग्रहण योग्य नहीं रहता है। संबोधन के क्रम में कहा कि हिन्दी और भारतीय सभ्यता, संस्कृति से लगाव बहुत दिनों से था इसलिए बनारस में संस्कृत विषय में भी ज्ञानार्जन की। कई शोधपत्र भी भारत विषयक प्रस्तुत की। इटली के संबंध में बच्चों को प्रश्न का जवाब देते हुए बताई कि वहां पहाड़ी क्षेत्रों में चुनौती पूर्ण जीवन भी है। शांतिपूर्ण जीवन जीने की कला तो भारतीयों में है इसलिए भारत का योग विद्या आज संपूर्ण जगत में चर्चा का विषय है।
भारत की संस्कृति, धर्म, भाषा और भारत को समझने के लिए विदेश के लोग हिंदी सीख रहे हैं। यहां की विविधता में एकता और लोकतांत्रित मूल्य विदेशी लोगों को भी हिंदी सीखने की चाहत पैदा कर रहे हैं।
एसएस मेमोरियल महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ वर्मा ने विदेशी मेहमान व हिंदी कि प्राध्यापिका को संबोधन के क्रम में कहा कि भारत देश आज आर्थिक, सामाजिक, वैज्ञानिक, सांस्कृतिक सभी विद्या में बहुत आगे है जिसका अन्य देश भी अनुकरण कर रहे हैं। चिकित्साशास्त्र हो या अंतरिक्ष विज्ञान, कृषि हो या शिक्षा चहुओर भारत अग्रणी है। विविधतापूर्ण संस्कृति को जानना हो तो पूरी छात्र दल के साथ भारत आना चाहिए ।जिससे हमारे देश के गौरवान्वित संस्कृति को इटली जैसे यूरोपीय देश भी जान सकेंगे।
हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ समर सिंह ने कहा कि भारत की सभ्यता संस्कृति बहुत प्राचीन है। यदि भारत को जानना है तो गाय, गंगा और गीता को जानना होगा। संचालन डॉ सावित्री बड़ाइक ने की।
कार्यकम में महाविद्यालय के डॉ मंजू सिंकु,डॉक्टर लक्ष्मी कुमारी डॉ रवि कुमार दास डॉ जुरान सिंह मानकी , डॉ मैतुर रहमान,डॉ रीना कुमारी,डॉ त्रिभुवन शाही डॉ मुकेश उरांव,डॉ अनल कुमार,डॉ सुबास साहु ,डॉ फरहत जेबा,डॉ राजश्री इन्दवार,डॉ अर्चना सिंह , संगीता कुमारी डॉ कन्हैया लाल, डॉ रुकैया परवीन डॉ. अभिषेक गुप्ता, डॉ उषा कीड़ों, डॉ प्रांजल शाह,डॉ लक्ष्मी कुमारी,डॉ. गायत्री सिन्हा,डॉ पपीहा सहित सभी कर्मचारी मौजूद रहे ।