Ranchi : सीबीआई के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने शनिवार को अलकतरा घोटाला के 25 साल पुराने केस में आरोपित तत्कालीन जूनियर इंजीनियर विवेकानन्द चौधरी, कुमार विजय शंकर और विनोद कुमार मंडल को दोषी पाते हुए तीन-तीन साल की सजा सुनाई है।
साथ ही कोर्ट ने सभी पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की राशि नहीं देने पर सभी को तीन-तीन माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।
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दरअसल, तत्कालीन बिहार सरकार में वर्ष 1992-93 से लेकर 1997 तक के अलकतरा घोटाला सामने आने के बाद सीबीआई से इसकी जांच करायी गयी। तब सीबीआई ने छह दिसंबर, 1999 को प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की। जांच पूरी करते हुए सीबीआई ने पांच लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। इनमें दो की मृत्यु ट्रायल के दौरान हो गयी।
उल्लेखनीय है कि आरोपितों ने 12 सड़क की मरम्मत का कार्य दिखाकर अलकतरा की मांग की थी। जिसमें से इन्होंने 11 सड़क की मरम्मत का कार्य फाइलों में ही दिखाकर सरकारी राशि का गबन कर लिया। इस दौरान लगभग 1500 मिट्रिक टन अलकतरा आइओसीएल से ट्रांसपोर्टर के माध्यम से आरोपितों ने प्राप्त किया।
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इस गबन को छिपाने के लिए एक फर्जी अकाउंट जनवरी 1997 में तैयार किया गया था। इस अकाउंट में न आपूर्ति आदेश और न ट्रक नंबर अंकित था। मामले में ट्रायल फेस कर रहे दो आरोपित आरईओ वर्क्स डिवीजन के तत्कालीन जूनियर विवेकानन्द चौधरी और कुमार विजय शंकर सेवानिवृत हो चुके हैं।
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