रांची। रांची की मेयर डॉ आशा लकड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ख़तियानी आभार यात्रा किस खुशी में निकाली जा रही है। उन्होंने कहा कि क्या झारखंड में 1932 का खतियान आधारित स्थानीय लागू कर दिया गया है। मुख्यमंत्री झारखंड के लोगों को बेवकूफ मत बनाइए। एक ओर आप जनजातीय भाषा को अहमियत दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर गढ़वा में भोजपुरी कलाकारों को बुलाकर लोगों का दिल बहलाने गए थे। लेकिन वहां क्या हुआ, ये बताने की जरूरत नहीं है। गढ़वा के लोगों ने आपकी ख़ातियानी आभार का मुंहतोड़ जवाब दिया है।
उन्होंने रविवार को कहा कि मुख्यमंत्री 1932 लागू कर सकते थे, लेकिन मुख्यमंत्री ऐसा नहीं किए अब आदिवासी और स्थानीय लोग की भावनाओं से खेल रहे हैं ।
आपकी राजनीतिक षड्यंत्र की जवाब स्थानीय लोग अवश्य देगें। उन्होंने कहा कि भाषा लोगों की पहचान है। इसलिए झारखंड को भाषा के आधार पर मत बांटिए। यदि आप 1932 का खतियान आधारित स्थानीय नीति झारखंड में लागू कर सकते हैं तो इस विधेयक को विधानसभा में आनन-फानन में पारित कर केंद्र सरकार के पास भेजने की आवश्यकता क्यों पड़ी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की फितरत से यह स्पष्ट हो चुका है कि आप झारखंडियों के साथ सिर्फ और सिर्फ छलावा कर रहे हैं। युवा वर्ग बेरोजगार होता जा रहा है और आप उसे रोजगार देने का सिर्फ सपना ही दिखा रहे हैं।