Hazaribagh : आईसेक्ट विश्वविद्यालय के एनएसएस इकाई के बैनर तले हरली पंचायत में विशेष शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में मौजूद बतौर मुख्य अतिथि हरली मुखिया फरजाना खातून व मुखिया प्रमोद कुमार ने संविधान को अहम बताया और कहा कि अनेकता में एकता कहा जाने वाला हमारा देश भारत पूरी दुनिया के लिए मिसाल है। इससे पूर्व डॉ जयदीप सन्याल ने संविधान की प्रस्तावना पढ़ते हुए संविधान की प्रस्तावना एवं मौलिक कर्तव्यों की जानकारी मौजूद लोगों को दी। साथ ही एनएसएस के विद्यार्थियों सन्नी कुमार, हेरा फातिमा, तनिष्का कुमारी, महेश कुमार, विशाल कुमार, पूजा कुमारी, आशुतोष कुमार, सीमा कुमारी, किरण कुमारी, चंदन साव, मनव्वर हुसैन, निखिल कुमार, हर्ष सिन्हा, ऋतिक कुमार, आशीष जेरी करकेट्टा, मुस्कान कुमारी, आदित्य, स्नेहा सिन्हा, पल्लवी कुमारी, चंपा कुमारी, कोमल रानी, प्रियंका भारती, संजय यादव, सोनु कुमार, डॉली कुमारी, प्रियंका कुमारी, माही कुमारी, रिया वर्मा, आनंदी पाण्डेय, श्रृष्टि कुमारी, कौशल महतो, शिव कुमार, चंदन कुमार, समीर कुमार सहित अन्य ने नुक्कड़ नाटक कर संविधान के प्रति लोगों को जागरूक किया। डॉ रोजीकांत ने मौजूद सभी लोगों को संविधान में निहित आदर्शों, मूल्यों का स्मरण कराते हुए राष्ट्र की एकता व अखंडता बनाए रखने की शपथ दिलाई।
वहीं आईसेक्ट विश्वविद्यालय सभागार में राजनीति व विधि विभाग की ओर से संविधान दिवस के मौके पर मंगलवार को ही कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसकी शुरुआत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पीके नायक, कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद, डीन एडमिन डॉ एसआर रथ, डीन एकेडमिक डॉ एमके मिश्रा, वोकेशनल निदेशक डॉ बिनोद कुमार, डॉ जयदीप सन्याल, डॉ अरविंद कुमार सहित अन्य के हाथों दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पीके नायक ने संविधान दिवस की अहमियत का जिक्र करते हुए कहा कि संविधान हम सभी भारतवासियों को अपने कर्तव्यों और अधिकारों को बताती है। वहीं कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद ने कहा कि भारत का संविधान दिवस हर साल 26 नवंबर को मनाया जाता है, ताकि देश को नियंत्रित करने वाले मौलिक सिद्धांतों को अपनाया जा सके। उन्होंने कहा कि संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों के प्रति लोगों को जागरुक किया जाना अतिआवश्यक है। संचालन डॉ प्रीति व्यास व धन्यवाद ज्ञापन कोमल पल्लवी भेंगरा ने किया।