Chatra : समाज में बेटियां अब हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। घर की देहरी लांघकर पुरुष के कंधा से कंधा मिलाकर समाज को आगे बढ़ा रहे हैं। गांव समाज में अंतिम संस्कार, श्मशान घाट से लेकर कर्मकांड तक पुरुषों का वर्चस्व रहा है। अब महिलाएं भी आगे आकर पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिला रहे हैं।
पत्थलगडा प्रखंड के सिंघानी में एक बुजुर्ग का कोई बेटा नहीं था ऐसे में देहांत होने के बाद उनकी तीनों बेटियों ने कंधा देकर पुत्र का फर्ज निभाया है। बेटियों के इस दायित्व का आसपास के लोगों ने सराहना की है। गांव के बुजुर्ग महावीर बैठा की तीन पुत्रियां हैं। कोई भी पुत्र नहीं रहने के कारण जब कंधा देने के लिए कोई सामने नहीं आया तो बेटियों ने अर्थी को कंधा ही नहीं दिया बल्कि गांव के कहुआ घाट शवयात्रा में भाग भी ली। रविवार को बुजुर्ग की बेटी शकुंतला देवी, दिप्ती देवी और डिम्पल देवी के साथ उनकी भतीजी और अन्य महिलाओं के साथ ग्रामीण भी शव यात्रा में भाग लिए। दिवंगत के भतीजा वशिष्ठ रजक ने मुखाग्नि दी। जब कंधा देने के लिए महावीर बैठा की बेटियां आगे आईं तो गोतिया परिवार सहित गांव के अन्य लोग भी सामने आ गये और सामाजिक रीति रिवाज से अग्नि संस्कार का रश्म पूरा हुआ । महिलाओं के इस कदम की आसपास के लोग काफी सराहना और चर्चा कर रहे हैं।