बेगूसराय। बदलते दौर में खेती-किसानी भी बदलते जा रही है। इसी का प्रतिफल है कि दक्षिण अमेरिका और थाई में मुख्यतया उपजायी जाने वाले और मानव शरीर के लिए रामबाण कहे जाने वाले ड्रैगन फ्रूट (कोमलम) की खेती अब बेगूसराय और बिहार के भी विभिन्न हिस्से में होने लगी है, लोग ड्रैगन फ्रूट लगाने के प्रति काफी जागरूक हो रहे हैं।
बेगूसराय के मनियप्पा निवासी सीआईडी के सेवानिवृत्ति डीएसपी रामनरेश कुंवर ने जहां इसकी व्यापक पैमाने पर खेती की है। वहीं, बड़े पैमाने पर लोग इसे अपने घरेलू बगीचा में भी शामिल कर रहे हैं और बेगूसराय की मिट्टी में भी यह काफी फल फूल रहा है। बेगूसराय में 25 से भी अधिक लोगों ने इसे अपने घर पर लगाया है तथा इसका फल परिवार में उपयोग करने के साथ-साथ लोगों को बांटकर इसकी खेती करने के प्रति जागरूक कर रहे हैं।
ऐसे ही एक प्रगतिशील किसान और किसान सलाहकार हैं छौड़ाही प्रखंड के एकंबा निवासी अनीश कुमार। अनीश कुमार ने ड्रैगन फ्रूट का पौधा अपने घर पर लगाया, इसके बाद अब हुए लोगों को अपने घर के बगीचा और खेत में लगाने के लिए जागरूक कर रहे हैं। अनीश कुमार ने बताया की ड्रैगन फ्रूट दिखने में जितना खूबसूरत होता है, उतने ही इसके फायदे हैं। यह एंटी ऑक्सीडेंट, विटामिन-सी, विटामीन-बी, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट का अच्छा स्त्रोत होता है।
इसे काफी कम मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है। अगर सही पौधों का चुनाव करें तो एक एकड़ की खेती से भी अच्छा-खासा मुनाफा ले सकते हैं। ड्रैगन फ्रूट की कीमत काफी अच्छी मिल जाती है और इसकी कई प्रजातियां होती है। लेकिन अपने यहां प्रमुख तौर पर तीन प्रजाति उगाई जा रही हैं, लाल फल गूदे के साथ, लाल फल सफेद गूदे के साथ तथा पीला फल सफेद गूदे के साथ।
सबसे दिलचस्प बात है कि ड्रैगन फ्रूट को खेतों के अलावा अपने बाग़-बगीचे या मकान के छत पर और किचन गार्डन में भी आसानी से उगा सकते हैं। छत पर रखे गए ड्रैगन फ्रूट से प्रति गमले 15 से 20 फल प्रति सीजन प्राप्त हो जाते हैं। ड्रैगन फ्रूट को फल के रूप में खाने के अलावा और भी कई चीजें, जैसे जूस या फिर आइसक्रीम बनाने में इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर फिटनेस को लेकर काफी सजग हैं तब तो ड्रैगन फ्रूट का पौधा अवश्य लगाना चाहिए, क्योंकि यह सेहत के लिए काफी अच्छा है। सीजन में बाजार से हर रोज पैसे खर्च करके खरीदने से बेहतर होगा कि अपने घर के छत पर इसे उगाएं।
अनीश ने बताया कि ड्रैगन फ्रूट का बीज और कलम दोनों ही तरीकों से लगाया जा सकता है। बीज से ड्रैगन फ्रूट का पौधा वैसे ही लगता है जैसे कि कोई अन्य पौधा। किसी भी साइज के गमले में मिट्टी भरकर बीजों को बो सकते हैं। लेकिन इस तरह से उगाए गए पौधों को फल देने में चार से पांच साल का समय लग जाता है। इसलिए बेहतर तरीका है कि नर्सरी से इसके पौधे ले आएं या किसी दोस्त-रिश्तेदार के यहां पहले से लगे पौधे का कटिंग भी लेकर लगाया जा सकता है।
किसी पौधा से काटकर लाया तो कैसे लगाएं –
पहले गमला में पॉटिंग मिक्स तैयार करें, जिसमें मिट्टी, कोकोपीट, वर्मी कंपोस्ट और रेत मिलाएं। इसके बाद आप ड्रैगन फ्रूट के पौधे से कलम काटें और इसे तीन-चार दिन छांव में सूखने के लिए रखें। अब इसे मिट्टी में लगा दीजिए और पानी दीजिए। गमले को ऐसी जगह पर रखना है जहा धूप आती हो। क्योंकि ड्रैगन फ्रूट को बढ़ने के लिए अच्छी धूप की जरूरत होती है। ड्रैगन फ्रूट के पौधे को कम पानी चाहिए, मिट्टी में बस नमी रहनी चाहिए।
पौधा जब बढ़ने लगता है तो सहारे की जरूरत होती है, इसलिए इसके साथ में कोई लकड़ी लगा दें, जिससे कि इसे बांधा जा सके। ड्रैगन फ्रूट का पौधा जब एक बार बढ़ने लगता है तो इसकी बहुत ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती है। तीन महीने में एक बार इसमें खाद या होम-कम्पोस्ट मिला सकते हैं। ड्रैगन फ्रूट के फूलों में परागण (पोलिनेशन) रात में होता है जो चमगादड़ करती हैं।
बदलते दौर की बीमारियों के लिए रामबाण है –
बेल पर लगने वाला कैक्टेसिया फैमिली से संबंधित रह फल गूदेदार और रसीला होता है। इसके फूल बहुत ही सुगंधित होते हैं, जो रात में खिलते और सुबह होने तक झड़ जाते हैं। उन्होंने बताया कि डायबिटीज, हृदय रोग, कैंसर, कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण, पेट संबंधी समस्या, गठिया, इम्यूनिटी बढ़ाने, रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने, डेंगू, हड्डियों और दांत रोग, शारीरिक कोशिकाओं की मरम्मत, अस्थमा, गर्भावस्था, एनीमिया की समस्या, कंजेनिटल ग्लूकोमा, भूख बढ़ाने, मस्तिष्क रोग, त्वचा एवं बालों के लिए बहुत ही उपयोगी है।