बाड़मेर। जिले के शिव आरंग ग्राम पंचायत के रामदेवपुरा गांव में आटा चक्की से करंट लगने के कारण पिता-पुत्री और दो बच्चों समेत चार की मौत हो गई। चारों साठ फीसदी तक जल गए। चिल्लाने की आवाज सुनकर पड़ोसी मौके पर पहुंचे। डिस्कॉम को फोन कर लाइट बंद करवाई तब जाकर चारों को निकाला गया, लेकिन तब तक सभी की मौत हो चुकी थी। सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। शवों को शिव हॉस्पिटल की मोर्चरी में रखवाया गया है।
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पुलिस के अनुसार रामदेवपुरा गांव में अर्जुनसिंह अपने पिता भगुसिंह, पत्नी छेलू कंवर(23) व दो बेटों ढाई साल का जस्सू और एक साल के प्रताप के साथ रहता था। दो दिन पहले अर्जुनसिंह ने अपने ससुर हठेसिंह (55) को गडरारोड से बुलाया था। पत्नी, बच्चों और पिता की देखरेख के लिए छोड़कर गया था। अर्जुनसिंह रिश्तेदार को दिखाने के लिए दिल्ली एम्स गया हुआ था। शुक्रवार रात महिला आटा चक्की पर अनाज पीस रही थी। इस दौरान अचानक करंट दौड़ गया और छेलू कंवर करंट की चपेट में आ गई। पास में ही बैठे दो बेटे भी करंट की चपेट में आ गए। चिल्लाने की आवाज सुनकर हठेसिंह बचाने के लिए आया तो उसे भी बिजली का करंट लगा। इससे चारों की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, अर्जुनसिंह के पिता दस साल से लकवा ग्रस्त हैं। वह बाहर वाले रूम में सो रहे थे। घर पर पांच ही लोग थे।
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एडीएम अंजुम ताहिर सम्मा ने बताया कि फौरी तौर पर करंट की चपेट में आने से चारों की मौत हुई है। बाकी मामले की जांच कर रहे हैं। हर पहलुओं पर जांच की जाएगी। शनिवार को सुबह पोस्टमार्टम करवाया जाएगा। एक दूसरे को बचाते हुए अर्जुनसिंह के दो बच्चे, पत्नी और ससुर की मौत हुई है। घटना बहुत ही दुखद है। जानकारी के मुताबिक मृतका के घर से करीब 50 मीटर दूर रेंवतसिंह का घर है। चिल्लाने की आवाज और आग देखकर उसने सबसे पहले डिस्कॉम को फोन करके लाइट को बंद करवाई थी। मृतका छेलू कंवर का पति अर्जुनसिंह अपने साले का इलाज करवाने के लिए दिल्ली एम्स गया हुआ था। ससुर को घर पर पिता व पत्नी और बेटों की देखरेख के लिए घर पर बुलाया था। इस दौरान यह झकझोर देने वाला हादसा हो गया। गांव के लोगों ने बताया कि अर्जुनसिह गांव में ही खेती का काम करता है।