Asansol। ईसीएल मुख्यालय के प्रशासनिक भवन के “संकल्प” सम्मेलन कक्ष में सोमवार को राजभाषा (हिंदी) माह, 2024 का शुभारंभ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। निदेशक (वित्त) एवं (कार्मिक) मो. अंज़ार आलम की अध्यक्षता में तथा निदेशक (तकनीकी) संचालन एवं योजना व परियोजना नीलाद्रि रॉय की गरिमामयी उपस्थिति में संपन्न हुआ। इस अवसर पर मुख्यालय के विभागीय प्रधानों की सक्रिय सहभागिता रहीं। शुभारंभ कार्यक्रम के दौरान भारत सरकार के पंच मासिक हिंदी शिक्षण योजना के तहत प्रबोध, प्रवीण, प्राज्ञ एवं पारंगत पाठ्यक्रम की परीक्षा में उत्तीर्ण ईसीएल कर्मीगण भारत सरकार द्वारा प्रदत्त प्रमाण पत्र को माननीय निदेशकगणों के कर-कमलों से प्राप्त किया। निदेशक (वित्त)-सह-(कार्मिक), अपने संबोधन में रवीन्द्रनाथ ठाकुर के कथनों को स्मरण करते हुए कहा कि हिंदी अन्य भाषाओं एवं क्षेत्रीय भाषाओं के शब्दों को अपने में समाहित करते हुए उत्तरोत्तर वृद्धि कर रही है जैसे समस्त नदियाँ महानदी में समाहित हो एकाकार हो जाती है। वहीं, माननीय निदेशक (तकनीकी) संचालन सह योजना व परियोजना ने सभा को संबोधित करते हुए सभी क्षेत्रों में पूरे माह हिंदी में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया और कहा कि इसके लिए हम सभी संकल्पबद्ध हो जाएँ।
ईसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक समीरन दत्ता के मार्गदर्शन में संपूर्ण ईसीएल में राजभाषा (हिंदी) के प्रचार व प्रसार को प्रभावी एवं व्यापक बनाने के लिए वर्ष 2024 के पूरे सितम्बर माह को राजभाषा (हिंदी) माह के रूप में मनाए जाने का संकल्प लिया गया जिसकी पूर्ति के लिए ईसीएल परिवार संपूर्ण ऊर्जा, उत्साह और उल्लास के साथ 01 सितम्बर से 30 सितम्बर तक राजभाषा (हिंदी) माह, 2024 के रूप में मनाने के लिए योजनाबद्ध हुई है। इस क्रम में पूरे माह ईसीएल मुख्यालय एवं समस्त खनन क्षेत्रों में कविता पाठ, निबंध लेखन, कार्यालयीन पत्र लेखन, शब्दानुवाद, सुवाक्य लेखन, टंकण प्रतियोगिता, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आदि आयोजित किए जाऐंगे। साथ ही, ईसीएल राजभाषा सामाजिक दायित्व के तहत अपने समीपवर्ती क्षेत्रों में अवस्थित विद्यालयों में भाषण प्रतियोगिता, निबंध लेखन, चित्रकला प्रतियोगिता आदि आयोजित कर रही है। ये प्रतियोगिताएँ सभी भाषा-भाषियों के लिए होता है। 30 सितम्बर को आयोजित होने वाले राजभाषा (हिंदी) माह, 2024 के समापन-सह-सम्मान समारोह में सफल प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जाएगा।
अपनी भाषा के प्रति लगाव और अनुराग राष्ट्र प्रेम का ही एक रूप है। हिंदी ने सभी भारतवासियों को एक सूत्र में पिरोकर सदैव अनेकता में एकता की भावना को पुष्ट किया है। संविधान सभा ने 14 सितंबर, 1949 को हिंदी को राजभाषा का दर्जा प्रदान किया। इस पावन दिवस की स्मृति में प्रतिवर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 1975 में राजभाषा विभाग की स्थापना की गई और यह दायित्व सौंपा गया कि केंद्र सरकार के सभी कार्यालयों/मंत्रालयों/उपक्रमों/बैंकों आदि में अधिक से अधिक कार्य हिंदी में किया जाना सुनिश्चित किया जाए। ईसीएल एवं इसके समस्त खनन क्षेत्र राजभाषा (हिंदी) के संवर्धन के लिए सदैव ऊर्जावान और निरंतर प्रयासरत है। साथ ही, ईसीएल प्रबंधन जनसमुदाय से अपील करती है कि सितंबर माह को राजभाषा (हिंदी) माह के रूप में मनाए और पूरे माह यथासंभव हिंदी में कार्य करें, हिंदी में संवाद करें।