श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को भद्रा लगने की वजह से 31 को रक्षाबंधन का त्योहार बनाना उत्तम रहेगा। इस बार सूर्योदय व्यापिनी पूर्णिमा को मनाया जाएगा। पूर्णिमा 30 अगस्त की सुबह दस बजकर 59 मिनट पर लगेगी और गुरुवार सुबह सात बजकर छह मिनट पर समाप्त हो जाएगी।
ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि बुधवार को पूरा दिन प्रदोष काल भद्रा लगने की वजह से दूषित है। जिसकी वजह से 31 अगस्त को रक्षाबंधन पर्व मनाना अच्छा होगा। बुधवार की रात भद्रा समाप्त हो जाएगा।
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रक्षाबंधन पर्व मनाने का शुभ मुहूर्त
वैदिक ज्योतिष शोध परिषद के अध्यक्ष डॉ. आदित्य पांडेय के अनुसार श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त को सुबह 10:58 बजे से शुरू होगी। इसके साथ ही भद्रा भी लग जाएगी। भद्रा काल में राखी बांधना अशुभ माना गया है। भद्रा 30 अगस्त को रात्रि 9:01 बजे तक है।
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ऐसी स्थित में 30 अगस्त की रात नौ बजे के बाद रक्षाबंधन कलाई में बांधा जा सकता है। ज्योतिषाचार्य डॉ. स्वाति सक्सेना के मुताबिक भगवान गणेश को राखी अर्पित कर व उनके पूजन के बाद राखी बांधने से सभी प्रकार के दोषों की समाप्ति होती है। उदया तिथि में 31 अगस्त को रक्षाबंधन मनाना श्रेष्ठ है। पूरे दिन राखी बांधी जा सकती है।