धमतरी। इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण को शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर को लग रहा है। यह ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा। इसलिए इस ग्रहण का सूतक काल प्रभावी माना जाएगा। ज्योतिषीय दृष्टि से यह ग्रहण एक बड़ा ग्रहण होगा, क्योंकि इस ग्रहण का बहुत अधिक राशियों पर पड़ेगा। चंद्रमा से प्रभावित होने वाली राशियां इससे प्रभावित होगी। वहीं ग्रहण के बाद किए जाने वाले दान भी किए जाएंगे।
ग्रहण का सूतक काल शाम चार बजकर पांच मिनट पर लग जाएगा। सभी मंदिरों के कपाट बंद हो जाएंगे। ग्रहण रात्रि एक बजकर पांच मिनट में शुरू होगा जो दो बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगा। इस दिन शरद पूर्णिमा होने के कारण खीर प्रसाद नहीं बनेगा। क्योंकि चंद्रमा उस समय ग्रहण से ग्रसित होगा, इसलिए उसकी रोशनी में खीर नहीं रखी जाएगी। अधिकांश लोग चौदस पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा मनाएंगे। विप्र विद्वत परिषद धमतरी के मीडिया प्रभारी पंडित राजकुमार तिवारी ने बताया कि इस वर्ष आश्विन शुक्ल पक्ष 28 अक्टूबर शनिवार को शरद पूर्णिमा पर खण्डग्रास चन्द्रग्रहण होगा। यह खण्डग्रास चन्द्रग्रहण समस्त भारत में खण्डग्रास के रूप में दृश्य रहेगा एवं मान्य रहेगा। ग्रहण काल के समय गर्भवती महिला घर से बाहर न निकले। परिषद के अध्यक्ष पंडित अशोक कुमार शास्त्री ने बताया कि शरद पूर्णिमा का पर्व दिन 11 बजकर 24 मिनट से अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। इस बीच में ठाकुर जी के लिए भोग प्रसादी बनाया जा सकता है, दोपहर चार बजे तक प्रसादी वितरण कर सकते हैं, क्योंकि मंदिरों का पट दोपहर चार बजकर पांच मिनट में बंद हो जाएगा।