Khunti। खूंटी जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर सुंदारी पंचायत के सेमरटोली गांव के नथन कुम्हार(महतो) ने अपने परिवार की जिंदगी सोलर संचालित चाक से बदल दी। सेमरटोली गांव में कुम्हार समुदाय के लगभग 60 परिवार रहते हैं और लगभग सभी की माली हालत एक समान है।
कुम्हार समुदाय के लोग मुख्य रूप से मिट्टी के बर्तन बनाकर अपना जीवन-यापन करते हैं। साथ ही कुछ खेतीबारी भी कर लेते हैं। इन्हीं में से एक है नथन कुम्हार, जो अपनी पत्नी और चार-चार बच्चों और वृद्ध मां के साथ रहते हैं। नथन अपने खनदानी पेशा मिट्टी के वर्तन, दीयो खिलौने आदि बनाकर बाजार मे बिक्री कर परिवार की गाड़ी खींच रह हैं। उनके पास अधिक खेत भी नहीं है। उनके पास जितनी जमीन है, उसे भूमिहीन कहना ही उचित है। कुम्हार नथन महतो बताते हैं कि वे मिट्टी के बर्तन, दीये आदि बनाने का काम 2001 से कर रहे हैं। वैसे मिट्टी के बर्तन बनाना उनका पुश्तैनी धंधा है।
नथन महतो ने बताया कि मिट्टी के सामान बनाने के लिए पहले वे हाथ के चाक का उपयोग करते थे। इसके कारण अधिक सामान बनाना और फिर उन्हें बाजार में बचना कठिन होता था। हाथ से संचालित चाक में काम करने में उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। कम सामान बनाने से उन्हें लाभ भी कम होता था। बाद में उन्होंने बिजली के चाक का उपयोग करना शुरू किया,लेकिन इससे भी समस्या का समाधान नहीं हुआ, क्योंकि ग्रामीण इलाके में बिजली की समस्या हमेशा बनी रहती है और बिजली बिल भी अधिक लगने लगा। ऐसे में जब लीड्स संस्था द्वारा रेस परियोजना अंतर्गत सेमरटोली गांव मे ग्रामसभा की बैठक का आयोजन कर स्वच्छ ऊर्जा आधारित ग्रीन बिजनेस चैलेंज के तहत सोलर संचालित चाक की जानकारी दी गई। स्वयंसेवी संस्था लीड्स द्वारा रेस परियोजना के तहत ग्रामीण कुम्हारों को आगे बढ़ने के लिए तथा स्वच्छ ऊर्जा के संसाधनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
बैठक में कुम्हार नथन महतो भी शामिल हुए थे। नथन ने सोलर संचालित चाक लेने की इच्छा जाहीर की। इसके लिए उन्होंने सोलर संचालित चाक के लिए लीड्स के नाम से आवेदन दिया। लीड्स संस्था द्वारा ग्रीन बिजनेस चैलेंज के तहत कुम्हार को सोलर संचालित चाक उपलब्ध कराया गया। इसमे एक सोलर पैनल, दो बैटरी, एक कंट्रोलर और दो बल्ब दिये गये। अब सौर ऊर्जा संचालित चाक से कुम्हार अधिक से अधिक मिट्टी के वर्तन और अन्य सामान बनाकर बिक्री करने लगे हैं। अब बिजली बिल में भी कमी आ गई है। बिजली कट जाने के बाद भी काम करने मे परेशानी नहीं हो रही है, जिससे अब कुम्हार नथन महतो अपनी सहूलियत के अनुसार मिट्टी का सामान ज्यादा से ज्यादा बनाने लगे हैं। इससे कुम्हार की आय दोगुनी हो गई है।
नथन महतो बताते हैं की पहले उनकी मासिक आय लगभग पांच हजार रुपये होती थी लेकिन अब सोलर चाक लग जाने से महीने मे लगभग 20 हजार रुपये से अधिक की कमाई हो जाती है। इसके कारण उनके परिवार की आय बढ़ी और जीवन स्त्र में भी सुधार होने गला। नथन के बच्चे भी अब अच्छे स्कूलों में पढ़ने लगे हैं। नथन ने इसके लि लीड्स संस्था के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहते हैं कि छोटे व्यवसायियों और किसानों को भी सरकार की योजनाओं का लाभ लेना चाहिए।