Palamu : डालटनगंज- चैनपुर के बीच कोयल नदी पर नया पुल का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए मिट्टी की जांच शुरू हो गई है। बंगाल से आई छह सदस्य टीम बोरिंग कर मिट्टी की जांच कर रही है। आठ जगहों पर बोरिंग की जाएगी और मिट्टी, बालू और पत्थर की सतह की जांच की जाएगा। एक महीने तक यह कार्य चलने की संभावना है। इसकी रिपोर्ट के बाद पुल निर्माण की अन्य प्रक्रियाएं पूरी की जाएगी।
जिस जगह पर पुल का नया निर्माण होना है, उससे सटकर पुल है। इस पुल का निर्माण 50 साल पहले हुआ है। आबादी और वाहनों का दबाव बढ़ने के कारण नये पुल की जरूरत महसूस होने लगी थी।
कोयल पुल पर हर दिन जाम लगता है। शहर की रफ्तार थम जाती है। स्कूल बस, एम्बुलेंस, यात्री बसें सहित अन्य वाहन लंबे समय तक फंसे रह जाते हैं। छात्र-छात्राएं समय पर परीक्षा में शामिल नहीं हो पाते। छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, बिहार सहित अन्य राज्यों से आने जाने वाले वाहनों के कारण जाम की स्थिति बनी रहती है। शिवाजी मैदान में डिज्नीलैंड मेला, राजनीतिक दलों के कार्यक्रमों में लोगों की संख्या बढ़ने पर जाम को और गति मिलती है।
डालटनगंज के क्षेत्रीय विधायक आलोक चौरसिया ने डालटनगंज- चैनपुर के बीच पुल के निर्माण का मामला विधानसभा में उठाया था। बढ़ती आबादी और जाम को देखते हुए पुल निर्माण जल्द करने का आग्रह सरकार से किया था।
पलामू के सांसद विष्णु दयाल राम भी कई कार्यक्रमों में पुल निर्माण जल्द कराने की बात कही थी। इसी आलोक में पिछले दिनों पुल निर्माण स्थल और सम्पर्क पथ को लेकर माफी की गई थी।
पुल निर्माण के लिए मिट्टी जांच कार्य को देखकर स्थानीय लोगों में हर्ष का माहौल है। शुक्रवार को कई लोग मिट्टी जांच देखने के लिए मौके पर पहुंचे। उन्होंने पुल निर्माण पर खुशी जताते हुए कहा कि वर्तमान में जो स्थिति है उसे देखते हुए नया पुल बनना जरूरी है। निर्माण कार्य गुणवत्ता पूर्ण हो और लंबे समय तक इसका इस्तेमाल हो, इसकी उम्मीद करते हैं।
मौके पर देवनंदन पांडे, श्रवण कुमार, अजय सिंह, हरि गोविंद प्रसाद गुप्ता, राजेश चंद्रवंशी, अशेन्द्र सिंह, बलराम सिंह, रामशंकर विश्वकर्मा, सचिन कुमार, अमित कुमार, मनीष, विनोद, नीतेश मौजूद थे।
पथ निर्माण विभाग मेदिनीनगर के कार्यपालक अभियंता अनिल कुमार ने बताया कि पुल निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मिट्टी की जांच कराई जा रही है पिछले दिनों इंजीनियरों की टीम इसकी जांच के लिए आई हुई थी। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो डीपीआर बनाकर निविदा निकल जाएगी और फिर निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।