पटना। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दो अप्रैल को बिहार का दौरा करेंगे। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बिहार में उनके दौरे तेज हो रहे हैं। वो सासाराम और नवादा में जनसभा को संबोधित करेंगे। छह महीने में यह उनका यह चौथा बिहार दौरा होगा।
शाह के दौरे से भाजपा अलग-अलग समुदायों के लोगों को साधने की कोशिश कर रही है। वैसे भी जब से महागठबंधन की सरकार बनी है तब से अमित शाह ने बिहार की बागडोर अपने हाथ में ले ली है। बिहार की सत्ता से बाहर होने के बाद अमित शाह 23 और 24 सितम्बर 2022 को सीमांचल के दौरे पर पहुंचे थे। यहां से उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी का आगाज किया था।
अमित शाह ने अपनी रैली के माध्यम से सीमांचल के चारों जिले पूर्णिया, अररिया, किशनगंज और कटिहार साधने की कोशिश की। यह चारों इलाके मुस्लिम बहुल हैं। इस इलाके में शाह ने 2 दिन रह कर अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं से मिलकर फीडबैक लिया था। इस पूरे इलाके में किस तरह से भाजपा को स्थापित किया जाए। इसका मूल मंत्र दिया।
केंद्रीय गृहमंत्री शाह 11 अक्टूबर 2022 को लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर उत्तर प्रदेश और बिहार के सीमावर्ती सिताब दियारा गांव पहुंचे थे। यहां भारतीय जनता पार्टी के मिशन बिहार को धार दी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर जमकर निशाना साधा था। बिहार में एनडीए की सरकार गिरने के बाद शाह का यह दूसरा दौरा था।
इस साल वो 25 फरवरी को बिहार दौरे पर आए। पहले उन्होंने वाल्मीकि नगर में जनसभा की। इसके बाद पटना में सहजानंद सरस्वती की जयंती सह किसान समागम में भाग लिया। वाल्मीकि नगर की जनसभा में उन्होंने पूर्वी और पश्चिमी चंपारण को साधा। इस दौरान उन्होंने जमकर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पर निशाना साधा। अब 02 अप्रैल को शाह बिहार के सासाराम और नवादा पहुंच रहे हैं। सम्राट अशोक की जयंती पर अमित शाह सासाराम और नवादा में रैली करेंगे। सम्राट अशोक के बारे में कहा जाता है कि वह कुशवाहा समाज से आते थे। इसलिए कुशवाहा समाज को साधने को लेकर भाजपा ने अमित शाह के इस रैली की तैयारी शुरू कर दी है।