New Delhi : देश में 18वीं लोकसभा के लिए हो रहे चुनाव के बीच एक बड़ी खुशखबरी निकलकर सामने आयी है। रिजर्व बैंक आफ इंडिया (आरबीआई) ने ब्रिटेन से 100 टन से अधिक सोना देश में वापस मंगा लिया है। सोने को आरबीआई ने अपने भंडार में ट्रांसफर कर दिया है। बता दें कि 1991 में इस सोने को चंद्रशेखर राव की सरकार ने भुगतान संतुलन संकट से निपटने के लिए गिरवी रख दिया था। 4 से 18 जुलाई 1991 के बीच आरबीआई ने 400 मिलियन डॉलर जुटाने के लिए बैंक आॅफ इंग्लैंड और बैंक आॅफ जापान के पास 46.91 टन सोना गिरवी रखा था। उस समय आरबीआई को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा था जब देश में विदेशी मुद्रा संकट के कारण उसे अपने स्वर्ण भंडार का एक हिस्सा गिरवी रखना पड़ा था। अब आरबीआई ने इसे वापस मंगा कर अपने स्टॉक में रख लिया है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले महीने में फिर से इतनी ही मात्रा में येलो मेटल को देश में लाया जा सकता है। साल 1991 में गिरवी रखे इस सोने को पहली बार आरबीआई के स्टॉक में शामिल किया गया है। आरबीआई के आधे से अधिक सोना भंडार विदेश में बैंक आफ इंग्लैंड और बैंक आफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के पास सुरक्षित रूप से रखे गये हैं। इसका लगभग एक तिहाई हिस्सा घरेलू स्तर पर रखा गया है। ब्रिटेन से भारत सोना लाने से भारतीय रिजर्व बैंक को भंडारण लागत बचाने में भी मदद मिलेगी, जिसका भुगतान बैंक आफ इंडिया को किया जाता है।
आरबीआई द्वारा जारी सालाना आंकड़ों के अनुसार, 31 मार्च 2024 तक केंद्र सरकार के पास अपने विदेशी मुद्रा भंडार के हिस्से के रूप में 822.10 टन सोना था, जो पिछले साल इसी अवधि के दौरान 794.63 टन से अधिक था। रिजर्व बैंक उन केंद्रीय बैंकों में से है, जिन्होंने हाल के वर्षों में सोना खरीदा है, जिसने पिछले वित्तीय वर्ष में 27.5 टन जोड़ा है। भारत में हाल के वर्षों में आरबीआई की सोने के प्रति भूख भी हाल ही में बढ़ी है। इसका अंदाजा ऐसे लगा सकते हैं कि केंद्रीय बैंक ने जनवरी-अप्रैल 2024 में पूरे 2023 की तुलना में 1.5 गुना अधिक सोना खरीदा है। भारत में सोने की सालाना खपत 700-800 टन है।