बलिया। जिले में गोवंश के संरक्षण में गति आई है। जिसमें क्रेडिट कार्ड पशुपालकों का हथियार बन रहा है। इसके सहारे पशुपालक अपने गोवंश का संरक्षण और संवर्धन करने में सफल हो रहे हैं।
पशुपालन विभाग की मानें तो जिले में फिलहाल चार लाख, 34 हजार 872 गोवंश हैं। प्रदेश में योगी सरकार के आने के बाद से ही गोवंश के संरक्षण पर पूरा जोर है। आवारा और निराश्रित गोवंश के संरक्षण व संवर्धन के लिए सरकार सजग है। इसके हर जिले में गोशालाएं खोली गई हैं। जिले में भी 30 गोशालाएं संचालित हैं। जिनमें साढ़े तीन हजार से अधिक गोवंश रखे गए थे। जिनमें से 22650 गोवंश जिंदा हैं। जबकि अन्य पशु बीमारी या अपनी आयु पूरी कर मृत हो गए।
गोवंश के लिए केसीसी
मुख्य पशु चिकिसाधिकारी डा.ओमप्रकाश ने बताया कि जिस तरह किसान क्रेडिट कार्ड कृषि कार्य में सहायक बनता है। उसी प्रकार से गोवंश के लिए भी ‘केसीसी’ बनाया जाता है। इसके तहत यदि चार जानवर हैं तो बिना खसरा-खतौनी लिए व बिना बंधक के एक लाख 60 हजार मिलते हैं। 2021 से संचालित इस योजना का लाभ पशुपालक ले रहे हैं। जिले के लिए इस साल 13276 केसीसी बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस वित्त वर्ष में अब तक 650 क्रेडिट कार्ड बनाया जा चुका है। 2022-23 में 17 सौ क्रेडिट कार्ड बना था। 2021 से अब तक कुल 4040 क्रेडिट कार्ड बन चुका है।
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. ओमप्रकाश ने बताया कि हर ब्लॉक में पशु चिकिसाधिकारी जानवरों के कान में टैग लगाकर क्रेडिट कार्ड के लिए एक फार्म देंगे। जिसके बाद बैंक केसीसी जारी करेगा। दौलतपुर निवासी पशुपालक विजयशंकर सिंह ने गोवंश क्रेडिट कार्ड को संजीविनी करार दिया। कहा कि इससे हम अपने पशुओं की देखभाल कर सकेंगे।