New Delhi : सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को नीट-यूजी 2024 परीक्षा से संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए एनटीए को निर्देश देते हुए कहा कि सभी छात्रों के परिणाम शहरवार और केंद्रवार 20 जुलाई, शनिवार दोपहर 12 बजे तक आॅनलाइन अपलोड किये जाने चाहिए।
वहीं, कोर्ट ने 22 जुलाई तक काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने एनटीए से पूछा – 23.33 लाख में से कितने छात्रों ने अपना एग्जाम सेंटर बदला? इस पर एनटीए ने कहा कि करेक्शन के नाम पर छात्रों ने सेंटर बदला है। 15 हजार छात्रों ने करेक्शन विंडो का इस्तेमाल किया था।
हालांकि, एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि छात्र सिर्फ शहर बदल सकते हैं और कोई भी उम्मीदवार केंद्र नहीं चुन सकता। सेंटर का चयन अलॉटमेंट सिस्टम द्वारा किया जाता है। सेंटर का अलॉक्शन परीक्षा से सिर्फ दो दिन पहले होता है, इसलिए किसी को नहीं पता कि कौन सा सेंटर मिलने वाला है।
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए को निर्देश दिया कि वह एनईईटी-यूजी परीक्षा में छात्रों द्वारा प्राप्त अंकों को अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करे और छात्रों की पहचान को छुपाया जाये। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि नतीजे शहर और केंद्र के हिसाब से अलग-अलग घोषित किये जाने चाहिए।
दरअसल, नीट-2024 के पेपर लीक होने और परिणाम में गड़बड़ी की आशंका को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं पर सुनवाई की जा रही है। एक पक्ष परीक्षा को रद्द कर दुबारा करवाने की मांग कर रहा है। पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह बात मानी है कि नीट-2024 का पेपर लीक हुआ है। इसका दायरा कितना बढ़ा है, इस पर केंद्र सरकार व एनएटी से जवाब मांगा गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने अभी परीक्षा को रद्द करने का फैसला नहीं किया है, लेकिन यह जरूर कहा कि परीक्षा को रद्द करना आखिर उपाय हो सकता है। हालांकि, इस विवाद को लेकर 1500 से अधिक बच्चों की दोबारा परीक्षा हो चुकी है और उसका परिणाम भी आ चुका है। विवाद के चलते अभी तक नीट-2024 क्लीयर करने वाले स्टूडेंट्स की काउंसलिंग भी शुरू नहीं हुई है।