New Delhi : नीट-यूजी परीक्षा दोबारा आयोजित करने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दोबारा परीक्षा कराने और रिजल्ट रद्द करने की मांग वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दी।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा – प्रश्नपत्र के व्यवस्थित रूप से लीक होने का संकेत देने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने प्रश्न पत्र-लीक मामले में कहा – नीट की परीक्षा दोबारा नहीं होगी।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा – अगर जांच के दौरान कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। ऐसी स्थिति में उसे नामांकन नहीं मिलेगा। अदालत ने नीट से जुड़ी 40 याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर ली और अंतिम फैसला सुरक्षित रख लिया है। नीट की काउंसलिंग बुधवार, 24 जुलाई से शुरू हो रही है।
सीजेआई ने कहा- हम पेपर लीक के ठोस सबूत के बिना दोबारा परीक्षा आयोजित करने का फैसला नहीं दे सकते हैं। हो सकता है कि सीबीआई जांच के बाद पूरी तस्वीर ही बदल जाये, लेकिन आज हम किसी हालत में यह नहीं कह सकते कि पेपर लीक पटना और हजारीबाग तक सीमित नहीं है।