Puri : विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर के खजाने को 46 साल बाद रविवार को खोला गया। इस दौरान भंडार गृह में सरकार के प्रतिनिधि, एएसआई के अधिकारी, श्री गजपति महाराज के प्रतिनिधि और चार सेवादारों समेत 11 लोग मौजूद रहे।
पुरी मंदिर के मुख्य प्रशासक अरविंद पाढ़ी के अनुसार, आउटर रत्न भंडार का सामान लकड़ी के छह बक्सों में शिफ्ट करके सील कर दिया गया है। लेकिन इनर रत्न भंडार का सामान शिफ्ट नहीं किया जा सका। अब यह काम बहुडा यात्रा और सुना वेशा के बाद किया जायेगा। उधर, रत्न भंडार का दूसरा दरवाजा खुलते ही एसपी पिनाक मिश्रा बेहोश हो गये, हालांकि इसका कारण पता नहीं चल सका। बाद में मंदिर परिसर में ही उनका इलाज किया गया।
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कमेटी के अध्यक्ष के मुताबिक, दोनों रत्न भंडार के दोनों हिस्सों में नये ताले लगा दिये गये हैं। यहां से मिले कीमती सामानों की डिजिटल लिस्टिंग की जायेगी, जिसमें उनके वजन और निर्माण जैसे डिटेल होंगे। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के सुपरिंटेंडेंट डीबी गडनायक ने कहा कि मरम्मत के लिए रत्न भंडार का सर्वे होगा।
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बता दें कि रत्न भंडार आखिरी बार 46 साल पहले 1978 में खोला गया था। 2018 में हाईकोर्ट के निर्देश पर रत्न भंडार को खोलने की कोशिश हुई, लेकिन असली चाबियां नहीं मिल सकीं। यही मुद्दा भारतीय जनता पार्टी ने अपने चुनावी मेनिफेस्टो में भी रखा था, जिसे सरकार बनते ही पूरा किया।