Kiw। रूस ने बुधवार रात नौ क्रूज मिसाइलों व 27 ड्रोन से यूक्रेन के बिजली ग्रिड को निशाना बनाया है। जिसके बाद यूक्रेन ने पूरे देश में ब्लैकआउट की घोषणा की है। वहीं, यूक्रेन ने भी रूस के तेल डिपो पर ड्रोन से हमले किए हैं। इससे दोनों देशों के बीच एक दूसरे के बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाने की कोशिश और तेज होने की आशंका बढ़ गई है।
यूक्रेनी वायुसेना ने कहा है कि तीन महीने पहले यूक्रेन के ऊर्जा संयंत्रों पर सातवां बड़ा हमला करने वाले रूस ने अब फिर नौ मिसाइलों व 27 शहीद ड्रोन से यूक्रेन के मध्य व पूर्वी क्षेत्र में बिजली ग्रिड को निशाना बनाया है। यूक्रेन ने कहा कि सुरक्षाबलों ने रूस के सभी ड्रोन और पांच क्रूज मिसाइलों को रोकने में सफलता हासिल की है।
नेशनल पावर कंपनी यूक्रेनेरगो के अनुसार, रूसी हमले में सात कर्मचारी घायल हुए हैं। वहीं, रूस के रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि यूक्रेन के बिजली संयत्रों को निशाना बनाने का उद्देश्य उसकी रक्षा तैयारियों को बाधित करना है। पश्चिमी सैन्य मदद पर निर्भर यूक्रेन सीमित, किंतु तेजी से रक्षा उद्योग को विकसित कर रहा है।
इस बीच, रूसी प्राधिकरण के दो रीजन के अधिकारियों ने यूक्रेन द्वारा तेल डिपो को ड्रोन से निशाना बनाने की रिपोर्ट दी है। कहा दो दिन पहले ड्रोन हमले के बाद यूक्रेन ने दूसरी रिफाइनरियों को बड़े पैमाने पर निशाना बनाना शुरू कर दिया है। बुधवार रात किए हमले को भी यूक्रेन के सिक्योरिटी सर्विस यानी एसबीयू ने अंजाम दिया है।
यूक्रेन की मदद के लिए पश्चिमी देश लगातार प्रयास कर रहे हैं। यूरोपीय संघ के राजदूतों ने रूस के विरुद्ध एक और शक्तिशाली प्रतिबंधों की श्रृंखला पर सहमति जताई है। बेल्जियम के राष्ट्रपति ने गुरुवार को यह जानकारी दी है। इसमें प्रमुख रूप से रूस के लिक्विड नेचुरल गैस (एलएनजी) आयात को निशाना बनाया जाएगा। कहा, इसके बारे में अगले हफ्ते विस्तार से जानकारी दी जाएगी। इस बीच, नाटो सदस्य रोमानिया ने यूक्रेन को पेट्रियट मिसाइल सिस्टम देने की घोषणा की है।