Ranchi। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने मंगलवार को सीता सोरेन के झामुमो छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने का स्वागत किया है। मरांडी ने कहा कि झामुमो छोड़ने के फैसले पर सीता सोरेन ने अपने ससुर और झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन के नाम जो मार्मिक पत्र लिखे हैं, उसमें उनकी पीड़ा, दर्द स्पष्ट झलक रहा है। मरांडी ने कहा कि सीता सोरेन अपनी पार्टी और परिवार के सदस्यों से वर्षों से प्रताड़ित हो रही थीं।
मरांडी ने कहा कि अपमान सहने की भी एक सीमा होती है। सीता सोरेन शिबू सोरेन की बड़ी बहू और स्व. दुर्गा सोरेन की पत्नी हैं। दुर्गा सोरेन ने छाया की तरह झारखंड आंदोलन में गुरुजी का साथ दिया, संघर्ष किया। यदि दुर्गा सोरेन जीवित होते तो झामुमो में मुख्यमंत्री से उम्मीदवार होते लेकिन सीता सोरेन की पीड़ा यही है कि दुर्गा सोरेन के संघर्ष को भुला दिया गया और जिन्होंने कोई संघर्ष नही किया वे शीर्ष पर पहुंच रहे। इसलिए सीता सोरेन की नाराजगी स्वाभाविक है।
मरांडी ने कहा कि सीता पार्टी के कार्य कलापों के अतिरिक्त झामुमो के नेतृत्व में चल रही राज्य सरकार से भी खफा रही। उन्होंने लगातार सड़क से सदन तक झामुमो कांग्रेस राजद के गठबंधन से चल रही राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे जल, जंगल, जमीन, खान खनिज, बालू, पत्थर की लूट पर मुखर होकर सवाल खड़ा किए। उन्होंने खुलकर अत्याचार और भ्रष्टाचार का विरोध किया। उन्होंने कहा कि सरकार के रवैए में कोई सुधार की गुंजाइश नहीं देखते हुए उन्होंने अपने लिए अलग राह चुनी। सीता सोरेन को मोदी की गरीब कल्याण योजनाओं, भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई का संकल्प प्रभावित किया।