Palamu। जिले के सतबरवा थाना से सटे लातेहार जिले के मनिका थाना क्षेत्र के रांकीकला पंचायत के मोहनटांड़ में शुक्रवार की रात अपराधियों ने दर्जन भर लोगों को घर के अंदर सोए हुए अवस्था में जिंदा जलाने का प्रयास किया गया। बताया गया कि इस दौरान अपराधियों ने घर के मेन दरवाजा का कुंडी (सिकड़ी) बंद कर दी थी, ताकि कोई बाहर नहीं निकल सके। मेन दरवाजे पर मकई की सुखी डंठी का प्रयोग करके आग लगाई गई, फिर घर के पिछवाड़े में एक काले रंग का पेंट में ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगाकर अपराधी चलते बने।
भुक्तभोगी नन्हकू यादव के पुत्र ने इस सिलसिले में मनिका थाना पुलिस को सूचना दी है। पुलिस छानबीन करने में जुट गई है। ननकू यादव ने शनिवार को बताया कि शुक्रवार रात में घर के अंदर 12 सदस्य सोए हुए थे। मेरे बड़े पुत्र मुनेश्वर यादव के चार बच्चे तथा उसकी पत्नी, छोटे पुत्र बुद्धू यादव के एक बच्चे और दोनों पति पत्नी के अलावा हमलोग पति-पत्नी अपने कमरे में सोए थे। इसी दौरान अपराधियों के द्वारा आग लगाकर जिंदा जलाने का प्रयास किया गया।
ननकु यादव के अनुसार उमेश यादव के टूटे मकान में रखे मकई की सुखी डंठी लायी गई और उसमें ज्वलनशील पदार्थ डालकर घर को आग के हवाले करने का प्रयास किया गया। बड़े पुत्र की नींद नहीं खुलती तो सारे लोग सोए अवस्था में जिंदा जल जाते।
13 साल पहले दिन में जला दिया गया घर
मुनेश्वर ने बताया कि आग की तपिश महसूस होने के बाद वह उठा और आंगन में पहुंचा तथा उछलकर छप्पर पर चढ़ गया और हल्ला मचाया। आवाज़ सुनकर लोग घर की और दौड़ पड़े। पानी से आग बुझाने के बाद कुंडी खोलकर सभी परिजनों को बाहर सुरक्षित निकाला। उसने बताया कि इससे पहले 2011 में इसी घर को दिन में आग लगाकर जला दिया गया था। 13 साल के बाद फिर रात्रि में जिंदा जलाने का प्रयास किया गया। उन्होंने बताया कि पिताजी उस समय घर से बाहर भैंस चराने गए थे। आग के कारण दर्जनभर लोग तथा दो दर्जन मवेशी जिंदा जलकर मर जाते।
राजस्व उपनिरीक्षक ने लिया जायजा
चार घरों में आग लगने की खबर पाकर मनिका सीओ संतोष शुक्ला के निर्देश पर राजस्व कर्मचारी वासुदेव महतो क्षतिपूर्ति का आंकलन करने भुक्तभोगियों के घर पहुंचे। मौके पर मुखिया प्रतिनिधि मथुरा उरांव, वार्ड पार्षद प्रतिनिधि अजय बैठा समेत कई लोगों ने जले हुए मकान की स्थिति को देखा। राजस्व उप निरीक्षक वासुदेव मेहता ने बताया कि राजेश उरांव, संगीता देवी, नगीना उरांव तथा बुधन उरांव का जले हुए घर का आकलन करने पहुंचे हैं। जले हुए सामान की लिखित आवेदन तथा बैंक अकाउंट का छाया प्रति, घर के मुखिया का आधार कार्ड, पारिवारिक सदस्यों की सूची तथा जल चुके सामान के बारे में जानकारी मुखिया के हस्ताक्षर के बाद अंचलाधिकारी को देने का निर्देश दिया है।