RanchiI झारखण्ड सरकार के कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग द्वारा किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को सहायता अनुदान योजना अंतर्गत ‘एफपीओ संवर्धन के आयाम एवं विधियाँ’ विषय पर सोमवार को एक प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में किया गया I
कार्यशाला को संबोधित करते हुए बीएयू के कुलपति डॉ. एससी दुबे ने कहा कि झारखण्ड में 80 प्रतिशत से अधिक किसान लघु एवं सीमान्त हैं जो बड़े भू-भाग में एक ही फसल की खेती करने में समर्थ नहीं हैं I इसलिए एफपीओ को फसल विविधिकरण, प्रसंस्करण, ग्रेडिंग एवं पैकेजिंग पर ज्यादा ध्यान देना होगा तथा सामूहिक प्रयास से राष्ट्रीय एवं पडोसी राज्यों के बाजार में पहुंचना होगा I देश में 10 हज़ार एफपीओ के गठन एवं प्रोत्साहन हेतु वर्ष 2020-21 में प्रारंभ की गयी केन्द्रीय योजना के तहत देश में अबतक लगभग 9 हज़ार एफपीओ गठित हो चुके हैं, जिनमे लगभग 20 लाख अंशधारक जुड़े हुए हैं I कांके एफपीओ को आधार बीज एवं प्रमाणित बीज का उत्पादन करते हुए क्षेत्र में शत प्रतिशत बीज प्रतिस्थापन का लक्ष्य लेकर काम करना चाहिएI
नाबार्ड, रांची के उप महाप्रबंधक गौरव कुमार ने जोर दिया कि सभी एफपीओ को ज्यादा से ज्यादा शेयर धारक बनाने चाहिए तथा प्रत्येक शेयर धारक को कम से कम एक हजार रु अंशदान जमा करना चाहिए ताकि सरकार से अधिकाधिक इक्विटी ग्रांट प्राप्त हो सके I
बीएयू के कृषि संकाय के अधिष्ठाता डॉ. डीके शाही ने कहा कि कृषि उत्पादों के विपणन में किसानों को बिचौलियों के शोषण से बचाने में एफपीओ की महत्वपूर्ण भूमिका होगीI भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक के सामाजिक विज्ञान प्रभाग के प्रमुख डॉ जीएके कुमार ने कहा कि एफपीओ के माध्यम से सामूहिक प्रयास द्वारा उत्पादन लागत में कमी आएगी, भाड़े पर कृषि यंत्र लिए जा सकेंगे तथा संगठित विपणन से किसानों की आमदनी बढ़ेगी I
स्वागत जिला कृषि पदाधिकारी रमाशंकर प्रसाद ने तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रसार शिक्षा विभाग के अध्यक्ष डॉ बीके झा ने किया I सञ्चालन शशि सिंह ने किया I
इसके पूर्व कुलपति ने कांके प्रखंड के गारू गाँव (सुकुरहुट्टू) में अवस्थित बीएयू द्वारा बनाये गये ‘सेल्फ सफ़िसिएन्ट सस्टेनेबल सीड सिस्टम फॉर राइस’ नामक किसान उत्पादक संगठन के कार्यालय का उदघाटन किया I इसके प्रबंध निदेशक राजेंद्र महतो हैं I
कार्यशाला में रांची जिले के 30 एफपीओ के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों, लेखा पदाधिकारियों, प्रखंड तकनीकी पदाधिकारियों, कृषि मित्रों तथा किसानों ने भाग लिया I