रबात : मोरक्को में शुक्रवार देर रात हाई एटलस पहाड़ियों पर आये शक्तिशाली भूकंप से बड़े पैमाने पर क्षति हुई है। मिली जानकारी के मुताबिक 800 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। तमाम इमारतें नष्ट हो गई हैं। प्रमुख शहरों के लोगों को अपने घरों को छोड़ना पड़ा है। अफ्रीकी देश मोरक्का में आया भूकंप पिछले एक सौ बीस साल का सबसे भयावह बन गया है। मोरक्को जियोलॉजिकल सेंटर ने बताया कि शुक्रवार की देर रात आये भूकंप की तीव्रता 7.2 थी। हालांकि, अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे ने इसकी तीव्रता 6.8 बताई है। साथ ही कहा कि ये इस इलाके में 120 साल में आया सबसे ताकतवर भूकंप है। भूकंप का केंद्र एटलस पर्वत के पास इघिल नाम का गांव बताया जा रहा है, जो माराकेश शहर से 70 किलोमीटर की दूरी पर है।
भूकंप की गहराई जमीन से 18.5 किलोमीटर नीचे थी। पुर्तगाल और अल्जीरिया तक भूकंप के झटके महसूस किए गए। मोरक्को के गृह मंत्री ने कहा कि भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़कर 822 हो गई है और कम से कम 672 घायल हैं। मृतकों में आधे से ज्यादा अल-हाऊज और तरूडांट प्रांत के हैं। इसके अलावा मोरक्को के उआरजजाते, चिचाउआ, अजीलाल और यूसुफिया प्रांत के अलावा मरक्केश, अगादीर और कैसाब्लांका इलाके में भी भारी संख्या में लोगों की जान गयी है। घायलों में भी तमाम लोगों की हालत नाजुक है, इसलिए माना जा रहा है कि भूकंप से मरने वालों का आंकड़ा अभी काफी बढ़ सकता है। मोरक्को के गृह मंत्रालय के मुताबिक इस भूकंप से सबसे ज्यादा नुकसान शहर के बाहर पुरानी बस्तियों को हुआ है। मोरक्को के नागरिकों ने इससे जुड़े वीडियो और तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर डाली हैं, जिनमें इमारतों को ध्वस्त होने के बाद धूल के गुबार में बदलते देखा जा सकता है। यूनेस्को की तरफ से विश्व धरोहर स्थल का दर्जा प्राप्त माराकेश शहर में भी तबाही आई है। यहां कई पर्यटकों ने भूकंप के बाद जान बचाने के लिए भागते और चिल्लाते लोगों के वीडियो भी पोस्ट किये हैं।