रांची : वाईबीएन विश्वविद्यालय की एनएसएस समिति ने मंगलवार को कवाली परिसर, वाईबीएन विश्वविद्यालय में कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न का अवलोकन व रोकथाम पर पोस्टर प्रस्तुति कार्यक्रम का आयोजन किया। पोस्टर प्रस्तुति का थीम कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न का अवलोकन व रोकथाम था। बच्चों ने पोस्टरों को आकर्षक और जानकारीपूर्ण दोनों तरह से डिज़ाइन किया।
सहायक प्रोफेसर डॉ. सुमन कुमारी ने बताया कि कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न, अधिकांश मामलों में पुरुषों द्वारा महिलाओं को लक्ष्य कर किया जाता है, लेकिन किसी भी महिला या पुरुष को ऐसा व्यवहार सहन नहीं करना चाहिए, जो उनकि इज्ज़त और मर्यादा का उल्लंघन करे और जिससे उस व्यक्ति, संस्थान या समाज पर नकारात्मक असर पड़े। नियोक्ता को अपने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के मामलों से निपटने के लिए अपनी संस्था /कम्पनी में ‘आंतरिक शिकायत समिति’ कागठन करना चाहिए। ऐसी समिति की अध्यक्षता संस्था या कम्पनी की किसी वरिष्ठ महिला कर्मचारी द्वारा की जानी चाहिए। बीएड कॉलेज के प्राचार्य डॉ. कैलाश नाथ सिंह ने कहा कि कार्यस्थल उत्पीड़न पर भारतीय कानून क्या है? 2013 के पीओएसएच अधिनियम ने उस परिभाषा को “अवांछनीय कृत्यों या व्यवहार के रूप में विस्तारित किया है। पोस्टर प्रस्तुति कार्यक्रम में वाईबीएन विश्वविद्यालय प्रशासन समिति की उपस्थिति के साथ साथ विश्वविद्यालय के सभी अधिकारी और शिक्षक एवं छात्र-छात्राए मुख्य रुप से शामिल थे।