Asansol : खान बचाव केंद्र (एम.आर.एस.), सीतारमपुर में ईसीएल निदेशक मंडल के मार्गदर्शन में पूर्ण दिवसीय अंतर क्षेत्रीय प्राथमिक उपचार प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत झण्डा रोहण के साथ हुयी, और इसके उपरांत सभी टीम ने फ्लैग मार्च किया।
प्रतियोगिता को चार वर्गों :
(क) ओवरमैन एवं अधिकारी,
(ख) माइनिंग सरदार एवं श्रमिक,
(ग) महिला दल तथा
(घ) संविदा कर्मी दल में विभक्त किया गया था जिसमें ईसीएल के कमान क्षेत्र के समस्त खनन क्षेत्रों से 28 अलग-अलग दल ने भाग लिया। इस आयोजन में ईसीएल के निदेशक मंडल की अनुप्रेरणा से खनन इतिहास में प्रथम बार महिला दल ने किसी खान संबंधित प्रतियोगिता में भाग लिया और अपनी प्रतिभा का कुशलता के साथ सफल प्रदर्शन किया। आयोजित प्रतियोगिता के “क” वर्ग में समग्र उत्तम प्रदर्शन केन्दा क्षेत्र ने किया। वहीं, “ख” वर्ग में सोदपुर क्षेत्र, “ग” वर्ग में झांझरा क्षेत्र एवं “घ” वर्ग में कुनुस्तोड़िया क्षेत्र ने समग्र उत्तम प्रदर्शन किया। पुरुष और महिला वर्ग में स्ट्रेचर डीलिंग की मॉक ड्रिल की प्रस्तुति की गयी । इस साल के फरवरी माह में महाराष्ट्र राज्य के नागपुर शहर में आयोजित होने वाले कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा आयोजित अखिल भारतीय प्राथमिक उपचार प्रतियोगिता में ईसीएल की टीम सभी चारों वर्गों में भाग लेगी।
सहभागी दलों को प्रोत्साहित एवं विजयी दलों को शुभकामनाएँ देने के लिए निदेशक मंडल के साथ सभी क्षेत्रों के महाप्रबंधकगण स्वयं उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि निदेशक (वित्त) मो. अंज़ार आलम तथा निदेशक (कार्मिक) आहुति स्वाईं, निदेशक (तकनीकी) योजना व परियोजना नीलेन्दु कुमार सिंह एवं निदेशक (तकनीकी) संचालन नीलाद्रि रॉय की विशिष्ट अतिथि के रूप में गरिमामयी उपस्थिति रही। कार्यक्रम के अंतिम भाग में पुरस्कार व सम्मान समारोह का आयोजन किया गया और विजयी दलों को प्रोत्साहन स्वरूप प्रेरणा वचन के साथ शील्ड प्रदान कर पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में ओडिसी रिसर्च सेंटर आसनसोल द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति की गयी। इस प्रतियोगिता का आयोजन खान बचाव केन्द्र के महाप्रबंधक राजकुमार द्वारा सफलतापूर्वक संपन्न करवाया गया।
खान बचाव संबंधित प्रतियोगिताएँ मात्र एक प्रतियोगिता नहीं होती है बल्कि यह एक प्रशिक्षण है जिसमें अनेकों प्रदर्शनों में से उत्तम प्रदर्शन को स्वीकार किया जाता है। हम सभी उससे सीखते हैं और भविष्य में उस रीति और विधि से खान बचाव का कार्य करते हैं। इस तरह की प्रतियोगिताओं में मुख्यतः यह प्रदर्शन होता है कि हम शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप के कितने फिट हैं और हम किस तरह से अपना सर्वश्रेष्ट योगदान कर सकते हैं।