Palamu : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आज पशु दिवस है। आज के दिन पलामू की पावन धरती पर मेधा डेयरी प्लांट का उद्घाटन कर रहे हैं। इससे बेहतर क्या होगा? उन्होंने कहा कि पलामू के लोग यदि दूध को व्यापार में शामिल कर लें तो किसानों को आय दुगनी हो जाएगी। इससे गांव मजबूत होगा और राज्य सशक्त बनेगा।
वे मंगलवार को पलामू जिला मुख्यालय डालटनगंज से सात किलोमीटर दूर चियांकी के गणके गांव में डेयरी प्लांट का उद्घाटन करने आए थे। उनके साथ कृषि मंत्री बादल पत्रलेख एवं वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव भी थे। मुख्यमंत्री एवं अन्य मंत्रियों ने दीप जलाकर एवं शिलापट का अनावरण कर मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट का उद्घाटन किया।
उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह राज्य का सातवां डेरी प्लांट है। डालटनगंज गणके में लगे इस प्लांट में 28 करोड रुपये खर्च किए गए हैं। यदि किसान दूध के उत्पादन में तेजी लाएंगे तो पलामू में एक दर्जन प्लांट भी देने पड़ेंगे तो सरकार देगी। उन्होंने कहा कि सरकार अभी गाय बांट रही है। जरूरत पड़ी तो भैंस भी बांटी जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने पशुधन को बढ़ावा दिया है। हम चाहते हैं कि राज्य में ही पशुधन हो। आज हम दूसरे राज्यों से पशुधन मांगते हैं चाहे वह मछली हो, अंडा हो या मुर्गी। मुख्यमंत्री ने डेयरी प्लांट को 21 करोड़ 90 लाख रुपये का अनुदान का चेक भी दिया। यह अनुदान की राशि प्रति तीन लीटर दूध के हिसाब से किसानों को वापस दी जाएगी। उन्होंने पलामू एवं गढ़वा का जिक्र करते हुए कहा कि यहां के किसान हमेशा चुनौतियों से घिरे रहे हैं। जलवायु परिवर्तन पर चिंता प्रकट करते हुए किसानों को राय दी कि कृषि पद्धति में समय के साथ बदलाव लाएं।
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वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि वह इसी गांव के रहने वाले हैं। इस प्लांट के खुल जाने से 25 हजार किसानों को सीधा लाभ होगा। उन्होंने मंच से कृषि मंत्री से सूखे चारे की व्यवस्था करने की भी मांग की। कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि पांच एकड़ की भूमि पर पलामू में स्थापित मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट अत्याधुनिक तकनीक से लैस है। दूध का प्रोसेसिंग से लेकर पैकेजिंग की बेहतर सुविधा है। वर्तमान में यहां दूध की पैकेजिंग होगी। भविष्य में यहां दही, पनीर, लस्सी, पेड़ा, राबड़ी एवं गुलाब जामुन का निर्माण कर बाजार में उतारा जायेगा।
झारखंड मिल्क फेडरेशन करेगा संचालन: एमडी
मेधा डेयरी प्लांट के एमडी सुधीर कुमार ने बताया कि पलामू में स्थापित डेयरी प्लांट का संचालन झारखंड मिल्क फेडरेशन करेगा। प्लांट तकनीक से लैस है। कच्चा एवं प्रोसेस दूध को स्टोरेज करने के लिए चार मिल्क सायलो लगाया गया है। प्रत्येक की क्षमता 20-20 हजार किलोलीटर की है। साथ ही पांच हजार लीटर क्षमता की पास्चुराइजर लगे हैं, जो दूध में व्याप्त अनावश्यक तत्वों को नष्ट करने का कार्य करेगा। पांच हजार लीटर क्षमता की क्रीम सैपरेटर लगे हैं, जिसके माध्यम से दूध के क्रीम को अलग किया जायेगा। पांच हजार लीटर क्षमता के होमोनाइजर लगे हैं। यहां से संतुलित दूध निकलेगा।
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इसके अलावा अमोनिया रेफ्रिजरेटर प्लांट लगे हैं, जिसके माध्यम से दूध को ठंडा किया जायेगा। दो हजार किलोग्राम प्रति घंटा क्षमता की दो ब्वॉयलर लगे हैं। इससे दूध को गर्म करने की व्यवस्था की गयी है। दूध को 80 डिग्री तापमान पर गर्म करने का प्रावधान है। इसके बाद चार डिग्री तापमान पर उसे ठंडा किया जाता है, ताकि स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले बैक्टीरिया को समाप्त किया जा सके। उन्होंने बताया कि मेधा डेयरी प्लांट की स्थापना से पलामू प्रमंडल के युवाओं को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।
प्लांट एंड प्रोडक्ट हेड उमाशंकर सिंह ने बताया कि डेयरी प्लांट से दूध प्रोसेसिंग के संपूर्ण ट्रायल पूरा कर लिया गया है। प्रोसेस किया हुआ दूध जल्द बाजार में उतरेगा।
इस मौके पर राज्य एवं जिले के कई प्रशासनिक अधिकारी, राजनीति दलों के नेता एवं किसान मौजूद थे।