रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को उत्तराखंड टनल हादसे को लेकर उत्तराखंड सरकार के साथ केंद्र सरकार को भी कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि टनल में फंसे मजदूरों के प्रति सरकार की जो संवेदनाएं होनी चाहिए, वह नहीं दिख रही है। मुख्यमंत्री झारखंड मंत्रालय परिसर में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के अधिकारी तो उत्तराखंड में बैठे हुए हैं और इंतजार कर रहे हैं कि मजदूर कब निकलें और वे उन्हें लेकर झारखंड आएं। उन्होंने कहा कि चिंता इस बात की है कि इस तरह की परियोजनाओं में सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम होना चाहिए, जो उत्तराखंड में नहीं किया गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी एनटीपीसी के प्रोजेक्ट में झारखंड के कई मजदूरों को जान से हाथ धोना पड़ता। दस दिन से अधिक हो चुके हैं लेकिन अभी भी मजदूरों के टनल से निकलने की कोई निश्चितता नहीं दिख रही है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे लोग किस तनाव से गुजर रहे होंगे। अब तो स्थिति ये है कि विदेशों से एक्सपर्ट लाने की बात चल रही है। ऐसे में अब हम लोगों के पास इंतजार करने के अलावा कोई उपाय नहीं है।