रांची। झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन बुधवार को विधायक दशरथ गगराई ने सदन में कोल्हान विश्वविद्यालय के अंतर्गत खरसावां डिग्री कॉलेज में प्रोफेसर और सहायक प्रोफेसर के पदों पर नियुक्ति नहीं होने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि खरसावां डिग्री कॉलेज में प्रोफेसर और सहायक प्रोफेसर के 17 पद सृजित हैं जबकि कॉलेज सिर्फ प्रभारी प्राचार्य के भरोसे चल रहा है।
इसके जवाब में प्रभारी मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि झारखंड सरकार ने 281 नियमित और 34 बैकलॉग सहायक प्राध्यापकों के पद पर नियुक्ति के लिए जेपीएससी को अधियाचना भेजी है। जब तक नियुक्ति नहीं होती है तब तक कॉलेज में घंटी आधारित शिक्षकों से पढ़ायी करायी जायेगी। मंत्री ने एक महीने में घंटी आधारित शिक्षक नियुक्त करने का आश्वासन दिया।
समीर मोहंती ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के चालू नहीं होने का मामला उठाया
विधायक समीर मोहंती ने सदन में चाकुलिया नगर पंचायत के सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के चालू नहीं होने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि 2022 में प्लांट बनकर तैयार हो चुका है लेकिन अब तक इसे चालू नहीं किया गया है। इस पर जवाब देते हुए प्रभारी मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि प्लांट का निर्माण होने के बाद उसे चालू करने के लिए तीन प्रकार के प्रमाण पत्र को प्राप्त करना जरूरी होता है, जिनमें से दो प्रमाण पत्र एनवायरमेंटल क्लीयरेंस और कंसेंट टू एस्टेब्लिश प्रमाण पत्र को प्राप्त कर लिया गया है। सिर्फ कंसेंट टू ऑपरेट प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाना बाकी है। इसके मिलने के बाद प्लांट सुचारू रूप से शुरू हो जायेगा।
दलितों और आदिवासियों से छद्म सहानुभूति न दिखायें इरफान : अमर बाउरी
कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने सदन में कहा कि भाजपा के लोग यह प्रचार कर रहे हैं कि उनके तीन विधायकों का निलंबन युवाओं के पक्ष में आवाज उठाने पर हुआ है जबकि यह सही नहीं है। वे सदन में हंगामा कर रहे थे। इसलिए निलंबित किया गया। उन्होंने कहा कि भाजपा विधायक दल के नेता अमर बाउरी दलित समुदाय से आते हैं लेकिन भानु प्रताप शाही और बिरंची नारायण जैसे विधायक दलित और आदिवासी से प्रेम का दिखावा करते हैं।
इसपर अमर बाउरी ने कहा कि इरफान अंसारी ने उनके प्रति जो सहानुभूति दिखायी है, वह छद्म सहानुभूति है। असल में दलित और आदिवासियों के प्रति उनके मन में सहानुभूति का भाव है ही नहीं। उन्होंने इरफान को अपने और अपने दल की चिंता करने की सलाह दी।
स्वास्थ्य विभाग में 19621 पद स्वीकृत, सिर्फ 6414 कर्मी कर रहे काम
राज्य में स्वास्थ्य विभाग में 19621 पद स्वीकृत हैं लेकिन उनमें से सिर्फ 6414 पदों पर ही कर्मचारी काम कर रहे हैं यानी स्वीकृत पद के लगभग 33 प्रतिशत पदों पर ही कर्मचारी हैं। बाकी 67 फीसदी पद खाली हैं। सदन में विधायक नीरा यादव के पूछे सवाल पर स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी दी है। नीरा यादव ने सरकार से यह भी कहा कि कोडरमा में चिकित्सा पदाधिकारी ने 2022 से अब तक आउटसोर्सिंग में की गयी नियुक्ति में भारी गड़बड़ी की है। इसपर सरकार ने जवाब दिया कि नियमित स्वीकृत पद पर आईपीएच मानक के आधार पर आउटसोर्सिंग कर्मियों की नियुक्ति हुई है।