रांची। झारखण्ड राज्य सरकार की सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना बेटियों के चेहरे पर मुस्कान ला रही है। योजना को लेकर मुख्यमंत्री के निर्देश पर वित्तीय वर्ष 2022-23 में 07 लाख 29 हजार 632 किशोरियों को योजना से आच्छादित करने में सफलता मिली है। इनमें आठवीं से 12वीं तक की 691770 और 18 से 19 वर्ष की 37862 किशोरियां शामिल हैं। किशोरियों को योजना के तहत 405.7 करोड़ से अधिक की राशि का भुगतान किया गया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में नौ लाख बेटियों को योजना से जोड़ा जाना है।
गिरिडीह की बेटियां सबसे अधिक
योजना से सर्वाधिक गिरिडीह की 59024 किशोरियों जुड़ी हैं। इसके बाद रांची की 50954, पलामू की 50814, बोकारो की 41650, पूर्वी सिंहभूम की 41468, हजारीबाग की 40130 और धनबाद की 36870 किशोरियां योजना का लाभ लेने में आगे रहीं।
जिला स्तर पर चल रहा अभियान
मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य की नौ लाख बेटियों को योजना से जोड़ने के लिए अभियान चलाया जा रहा है, ताकि सभी किशोरियों को योजना का लाभ मिल सके। इसके लिए किशोरियों को जरूरी प्रमाण पत्र निर्गत कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि योजना के दायरे में आने वाली सभी पात्र बेटियों को योजना से जोड़ा जाए।
जागरुकता का हो संचार
सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के जरिए राज्य सरकार बालिका शिक्षा पर जोर दे रही है, ताकि आर्थिक तंगी की वजह से उनकी पढ़ाई ना छूटे। बेटियां शिक्षित होंगी तो बाल विवाह प्रथा पर विराम लगेगा और बेटियां अपने जीवन के संबंध में स्वतंत्र निर्णय लेने में सक्षम होंगी।
इन किशोरियों को मिल रहा लाभ
राज्य सरकार योजना के तहत किशोरियों को शिक्षा से जोड़ते हुए उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास कर रही है। योजना के तहत आठवीं और नौवीं कक्षा में पढ़ने वाली किशोरियों को 2500-2500 रुपये दे रही है। इसके अतिरिक्त 10वीं, 11वीं और 12वीं की किशोरियों को 5000-5000 हजार रुपये की राशि मिल रही है। 18 से 19 आयु की बेटियों को एकमुश्त 20 हजार रुपये देने का प्रावधान है। इस तरह किशोरियों को पढ़ाई के क्रम में कुल 40 हजार रुपये मिल रहा है।