मथुरा। शाही ईदगाह का अमीन द्वारा निरीक्षण करने और रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के मामले में शुक्रवार दोपहर अपर सिविल जज सीनियर डिवीजन तृतीय की कोर्ट में सुनवाई की जाएगी। हिंदू सेना की ओर से आठ दिसम्बर को दाखिल प्रार्थना पत्र पर कोर्ट ने अमीन द्वारा सर्वे करने और रिपोर्ट मय मानचित्र के अदालत में पेश करने के आदेश दिए थे। इस पर मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति जताई थी। उसके बाद 20 जनवरी की तिथि कोर्ट ने सुनवाई के लिए दी थी।
उल्लेखनीय है कि हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने आठ दिसम्बर को प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 22 दिसम्बर को कोर्ट अमीन द्वारा निरीक्षण करने एवम रिपोर्ट मय मानचित्र कोर्ट में पेश करने के लिए निर्देश दिए। इस पर मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति जताई। लेकिन उस आदेश के बाद से ही शाही ईदगाह मस्जिद ट्रस्ट द्वारा इसका विरोध किया गया। इस साल दो जनवरी को उनके द्वारा आपत्ति भी दाखिल कर दी गई। उस आपत्ति में कहा गया था कि कोर्ट ने अमीन सर्वे की जो बात कही है, उसमें हमको न कोई नोटिस मिला है और न ही हमें सुना गया है, तो हमारी प्रार्थना को सुनने के बाद ही कोर्ट कोई आदेश जारी करे। उस आपत्ति के बाद ही कोर्ट ने दोनों पक्षों को 20 जनवरी शुक्रवार न्यायालय में सुनवाई के लिए हाजिर होना के लिए कहा है।
13.37 एकड़ जमीन पर मालिकाना हक का केस
ऐसा दावा है कि औरंगजेब ने श्रीकृष्ण जन्मस्थली पर बने प्राचीन केशवनाथ मंदिर को नष्ट कर 1669-70 में शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण कराया था। बहरहाल 1935 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 13.37 एकड़ की विवादित भूमि बनारस के राजा कृष्ण दास को अलॉट कर दी थी। 1951 में श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट ने यह भूमि अधिग्रहीत कर ली। ट्रस्ट 1958 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और 1977 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के नाम से रजिस्टर्ड हुआ। 1968 में श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और शाही ईदगाह कमेटी के बीच हुए समझौते में 13.37 एकड़ जमीन का स्वामित्व ट्रस्ट को मिला और ईदगाह मस्जिद का मैनेजमेंट ईदगाह कमेटी को दे दिया गया। दावा किया जा रहा है कि 12 अक्टूबर 1968 को श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट के साथ हुए समझौते में 13.7 एकड़ जमीन पर मंदिर और मस्जिद दोनों रहने की बात तय हुई थी लेकिन अभी श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पास 10.9 एकड़ जमीन का मालिकाना हक है। जबकि ढाई एकड़ जमीन का मालिकाना हक शाही ईदगाह मस्जिद के पास है। हिंदू पक्ष शाही ईदगाह मस्जिद को अवैध तरीके से कब्जा करके बनाया गया ढांचा मानता है। इस जमीन पर भी दावा करता है। हिंदू पक्ष की ओर से शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने और ये जमीन भी श्रीकृष्ण जन्मस्थान को देने की मांग की गई है।