Ranchi : झारखंड के ग्रामीण इलाके में नशे के विरुद्ध एक सशक्त पहल की शुरुआत हुई है। ठाकुरगांव थाना प्रभारी विनीत कुमार ने नशे से प्रभावित मेढ़ी गांव में एक अनोखा नशा मुक्ति अभियान चलाकर सामाजिक बदलाव की मशाल जलाई है।
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विनीत कुमार ने इस अभियान की शुरुआत किसी सख्ती या डर से नहीं, बल्कि प्रेरणा और आत्मचेतना के माध्यम से की। उन्होंने गांव की चौपाल में बैठकर ग्रामीणों से संवाद करते हुए उन्हें नशे के खतरे और इससे होने वाले सामाजिक व पारिवारिक नुकसान को सरल भाषा में समझाया।
उन्होंने कहा, “नशा शरीर को ही नहीं, आत्मा और समाज को भी खोखला कर देता है। हमें मिलकर अपनी आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य देना है।” उनकी इस भावुक अपील ने गांव के हर वर्ग—बुजुर्गों से लेकर युवाओं और महिलाओं तक—को झकझोर कर रख दिया।
अभियान की मुख्य बातें:
- प्रेरक जनसंवाद: ग्रामीणों को सच्चाई से अवगत कराने के लिए चौपाल में सीधा संवाद।
- महिलाओं और युवाओं की भागीदारी: उन्हें जागरूक कर परिवार में जागरूकता फैलाने के लिए प्रेरित किया गया।
- सामूहिक संकल्प: गांव के मुखिया, पंच और बुजुर्गों ने अभियान को जनआंदोलन का रूप देने का संकल्प लिया।
- पुलिस की भूमिका: थाना प्रभारी ने भरोसा दिलाया कि गांव को नशा मुक्त बनाने में पुलिस हरसंभव सहयोग देगी।
बदलाव की शुरुआत — मेढ़ी से हर गांव तक
यह पहल अब सिर्फ एक गांव तक सीमित नहीं रहेगी। ठाकुरगांव पुलिस की यह मुहिम पूरे रांची ज़िले और झारखंड के लिए एक मॉडल अभियान बनती जा रही है। नशा मुक्ति अब सिर्फ एक विकल्प नहीं, हर घर की सुरक्षा और भविष्य की ज़रूरत बन गई है।
ठाकुरगांव पुलिस की सोच — बदलाव का बीज
विनीत कुमार जैसे युवा अधिकारी जब दिल से समाज के लिए काम करते हैं, तब बदलाव केवल मुमकिन नहीं, बल्कि निश्चित होता है।