Varanasi : काशी विश्वनाथ मंदिर में सप्तऋषि आरती के दौरान एक अद्भुत नजारा सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। मंदिर के स्वर्ण शिखर पर सफेद उल्लू का बैठना भक्तों के लिए आस्था और श्रद्धा का प्रतीक बन गया है। मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी और कई श्रद्धालुओं ने सफेद उल्लू की तस्वीरें साझा की हैं।
भक्तों के अनुसार, अधिवक्ता रविन्द्र तिवारी बताते हैं कि पिछले कुछ वर्षों से यह सफेद उल्लू रोजाना सप्तऋषि आरती के समय मंदिर में आता है, स्वर्ण शिखर पर बैठता है और आरती समाप्त होने के बाद उड़ जाता है। श्रद्धालु मानते हैं कि यह घटना प्रतिदिन घटित होती है।
सनातन परंपरा में उल्लू को देवी लक्ष्मी का वाहन माना गया है। ऐसे में मंदिर में सफेद उल्लू का दिखना अत्यंत शुभ संकेत माना जा रहा है। मंदिर प्रशासन ने भी कहा है कि शयन आरती के बाद बाबा के शिखर पर श्वेत उल्लू का दर्शन शुभ का प्रतीक है।
गौरतलब है कि काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रतिदिन संध्या 7 बजे से 8:15 बजे तक सप्तऋषि आरती होती है। इसमें सात अलग-अलग गोत्रों के आचार्य मिलकर भगवान महादेव की आरती करते हैं।



