Asansol : कोल इंडिया लिमिटेड के 50वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य पर उसकी अनुषंगी कंपनी ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल), बर्नपुर-आसनसोल नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास) तथा काजी नजरूल विश्वविद्यालय (केएनयू), आसनसोल के सहयोग से कोयला उत्खनन क्षेत्र में हिंदी भाषा के सतत संवर्धन के लिए 22.11.2024 (शुक्रवार) द्वितीय राष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन, 2024 का आयोजन आसनसोल नगर में अवस्थित रामकृष्ण मिशन आश्रम के श्री रामकृष्ण ऑडोटोरियम में सुचारू रूप से सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ। सम्मेलन का विषय – “साहित्य और लोकभाषा” था। इसके उप विषय क्रमशः हिन्दी और बांग्ला साहित्य का तुलनात्मक अध्ययन (संदर्भ – लोकभाषा), हिन्दी साहित्य में हिन्दी की लोकभाषाएँ, हिन्दी की लोकभाषाएँ और उसका साहित्य, जनजातीय भाषाओं का साहित्य, अवधी का साहित्य, ब्रज का साहित्य, मैथिली का साहित्य, छत्तीसगढ़ी एवं बघेली का साहित्य तथा भोजपुरी और उसका साहित्य था।
मुख्य अतिथि के रूप में बर्नपुर-आसनसोल नराकास के अध्यक्ष एवं सेल के इस्को इस्पात संयंत्र एवं दुर्गापुर के निदेशक प्रभारी बृजेन्द्र प्रताप सिंह, ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड एवं भारत कोकिंग कोल लिमिटेड अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक समीरन दत्ता, ईसीएल निदेशक (वित्त एवं कार्मिक) माननीय मो. अंज़ार आलम एवं निदेशक (तकनीकी) संचालन नीलाद्रि रॉय की गरिमामयी उपस्थिति रहीं। सम्मेलन को रामकृष्ण मिशन आश्रम, आसनसोल के संपादक श्रद्धेय स्वामी सोमात्मानन्द जी महाराज का पावन सान्निध्य प्राप्त हुआ।
सम्मेलन की शोभा बढ़ाने के लिए वक्ता के रूप में AISECT Group of Universities / विश्वरंग के संस्थापक एवं अध्यक्ष संतोष चौबे, वरिष्ठ आलोचक एवं जन संस्कृति मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविभूषण, वरिष्ठ साहित्यकार एवं आईएएस रणेन्द्र, बाबा साहेब अम्बेडकर एजुकेशन यूनिवर्सिटी, कोलकाता के कुलपति प्रो. (डॉ) सोमा बंद्धोपाध्याय, हिंदी विश्वविद्यालय, हावड़ा के कुलपति प्रो. (डॉ.) विजय कुमार भारती, काज़ी नज़रुल विश्वविद्यालय, आसनसोल के संकायाध्यक्ष (डीन) प्रो. (डॉ.) सजल कुमार भट्टाचार्य, विधान चंद्र (बी.सी.) कॉलेज, आसनसोल के डॉ. विजय नारायण, बनवारीलाल भलोटिया (बी. बी.) कॉलेज, आसनसोल के डॉ. विजय प्रसाद, आसनसोल गर्ल्स कॉलेज, आसनसोल के हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. विजेन्द्र कुमार का आगमन हुआ था। यह सम्मेलन कोल इंडिया लिमिटेड के 50वें स्थापना दिवस के अवसर पर ईसीएल की ओर से भव्य रीति से आयोजित किया गया। यह सम्मेलन जनमानस में हिंदी ज्ञानवर्धन की परंपरा का बीजारोपण का कार्य किया है जिससे आने वाले समय में कुशल एवं दक्ष राजभाषा अधिकारी, भाषाविद्, सुनामी लेखक, कवि, पत्रकार आदि जैसे वृत्तियों में अधिक-से-अधिक संख्या में विद्यार्थी अभिमुख होंगे। साथ ही यह सम्मेलन ईसीएल के निगमित सामाजिक दायित्व (CSR) की परिकल्पना को पूर्णता प्रदान करने के लिए उत्तम कृत सिद्ध हुआ है।