Ranchi : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को पश्चिम सिंहभूम (चाईबासा) के सिविल सर्जन सहित कई अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई उस गंभीर घटना के बाद की गई, जिसमें थैलेसीमिया से पीड़ित पांच बच्चों को चाईबासा सदर अस्पताल में रक्त चढ़ाने के बाद एचआईवी संक्रमण हो गया।
राज्य सरकार ने प्रत्येक प्रभावित परिवार को ₹2 लाख मुआवजा देने की घोषणा की है और कहा है कि संक्रमित बच्चों के पूरे इलाज का खर्च सरकार वहन करेगी। इस घटना ने स्वास्थ्य व्यवस्था में लापरवाही और सरकारी अस्पतालों में रक्त सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
घटना पर झारखंड हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए व्यापक जांच के आदेश दिए हैं। अदालत ने राज्य स्वास्थ्य विभाग से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और भविष्य में ऐसी चूक न हो इसके लिए सख्त जवाबदेही तय करने को कहा है।
निर्देश के बाद रांची से एक उच्चस्तरीय चिकित्सा जांच टीम चाईबासा पहुंची, जिसने ब्लड बैंक और बाल रोग इकाई का निरीक्षण किया। जांच में यह पुष्टि हुई कि थैलेसीमिया से पीड़ित पांचों बच्चे एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं। शुरुआत में एक ही मामले की पुष्टि हुई थी, लेकिन आगे की जांच में चार और संक्रमण सामने आए। अधिकारियों को आशंका है कि जैसे-जैसे जांच का दायरा बढ़ेगा, संक्रमितों की संख्या और भी बढ़ सकती है।








