Ranchi: आरकेडीएफ विश्वविद्यालय, रांची के जीवन विज्ञान संकाय द्वारा आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के तहत “ग्रीन गार्जियन” एक दिवसीय “ट्री एम्बुलेंस” जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में छात्रों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से कला प्रतियोगिता और भाषण (एक्सटेम्पोर) प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. अरघ्य मंडल, मंकर कॉलेज, बर्द्धमान, पश्चिम बंगाल उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. अमित कुमार पांडेय ने “ट्री एम्बुलेंस” की आवश्यकता और महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “वर्तमान समय में बढ़ते शहरीकरण, औद्योगिकीकरण और पर्यावरण प्रदूषण के कारण वृक्षों की सुरक्षा अत्यंत आवश्यक हो गई है। “ट्री एम्बुलेंस” एक अनूठी पहल है, जो बीमार, सूखते या क्षतिग्रस्त वृक्षों की देखभाल कर उन्हें पुनर्जीवित करने का कार्य करती है। यह पहल पर्यावरण संरक्षण के साथ हरियाली बढ़ाने की दिशा में एक कारगर कदम है।” डॉ. पांडेय ने कहा कि वृक्ष हमारे जीवन के लिए ऑक्सीजन प्रदान करने के अलावा, जल संरक्षण, मिट्टी के कटाव को रोकने और जैव विविधता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा – वृक्षों की देखभाल करना न केवल एक सामाजिक बल्कि एक नैतिक कर्तव्य भी है।
यदि आज हम वृक्षों की सुरक्षा पर ध्यान नहीं देंगे, तो आने वाली पीढ़ियों के लिए गंभीर पर्यावरणीय चुनौतियाँ खड़ी हो जाएंगी। कार्यक्रम में डॉ. अरघ्य मंडल ने कृषि में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) के उपयोग पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा – कृत्रिम बुद्धिमत्ता कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकती है। स्मार्ट सेंसर, डेटा एनालिटिक्स और रोबोटिक्स की मदद से फसलों की निगरानी, कीट प्रबंधन, सिंचाई और उर्वरकों के बेहतर उपयोग को संभव बनाया जा सकता है। उन्होंने छात्रों से नई तकनीकों को अपनाकर कृषि में नवाचार लाने की अपील की। डॉ. स्नेहा पांडेय, डीन, जीवन विज्ञान संकाय ने कार्यक्रम की उपयोगिता पर बात करते हुए छात्रों से वृक्षारोपण अभियान में सक्रिय भागीदारी की अपील की। डॉ. अनीता कुमारी, डीन, छात्र कल्याण ने कहा – पर्यावरण संरक्षण का दायित्व सभी पर समान रूप से है, और युवा पीढ़ी को इस दिशा में आगे आना होगा।
डॉ. असीश टोप्पो ने भी पर्यावरण सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं पर अपने विचार व्यक्त किए और पौधारोपण की आवश्यकता को रेखांकित किया। कार्यक्रम के अंत में डॉ. शीतल टोपनो, डीन अकादमिक ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए कहा – हम सभी अतिथियों, छात्रों, शिक्षकों और आयोजकों के आभारी हैं, जिन्होंने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान दिया। यह आयोजन हरित भविष्य की दिशा में एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण कदम है। कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ. मैनक बनर्जी, डॉ. नीलू कुमारी, विकास नायक और बरखा कुमारी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी टीम वर्क और प्रतिबद्धता से कार्यक्रम बेहद सफल रहा। कार्यक्रम के अंत में विजेता छात्रों को पुरस्कार और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में विद्यार्थियों, शोधार्थियों और संकाय सदस्यों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जो विश्वविद्यालय की हरित भविष्य और पर्यावरण संरक्षण की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।