तेल अवीव/यरुशलम। गाजा पट्टी में फिलिस्तीन के आतंकवादी संगठन हमास और इजराइल के बीच छिड़े युद्ध के 43वें दिन आज (शनिवार) भी घमासान मचा हुआ है। इजराइल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) हमास के ठिकानों पर ताबड़तोड़ हमले कर रही है । इस बीच इजराइल की सेना ने दक्षिणी गाजा के खान यूनिस शहर पर मिसाइलें दागी हैं। इस हमले में 26 फिलिस्तीनी मारे गए हैं। इनमें अधिकांश बच्चे हैं। इजराइल का कहना है कि यहां के लोगों को खान यूनिस को खाली करने की अग्रिम चेतावनी दी गई थी। इसके बाद हमास के ठिकानों पर मिसाइल अटैक किया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इजराइल की थल सेना ने मोर्चा संभालते हुए हमास के ठिकानों को चुन-चुनकर निशाना बनाना शुरू कर दिया है। खान यूनिस पर ताबड़तोड़ मिसाइलें दागी गई हैं। इजराइली सेना ने हमले से पहले लोगों को खान यूनिस को खाली करने की चेतावनी दी थी। आईडीएफ ने कहा था कि अगर इस शहर को खाली नहीं किया गया तो अंजाम बुरा होगा। इस संबंध में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के सहयोगी मार्क रेगेव का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि गाजा के लोगों को चेतावनी जारी की गई थी। साफ कहा गया था कि सेना हमास के खात्मे के लिए खान यूनिस पर हर तरह के हमले करेगी। इसलिए वहां रह रहे लोग कहीं दूसरी जगह चले जाएं।
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एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि आईडीएफ ने हमास के हमलावर आतंकवादियों के परिजनों की धरपकड़ तेज कर दी है। आईडीएफ ने हेब्रोन में रात को कुतैबा उमर अल-क्वास्मा को दबोचा है। इसके भाई ने इस सप्ताह के शुरू में यरुशलम में सुरंग रोड पर सुरक्षाबलों पर हमला किया था। आईडीएफ ने दावा किया है कि हमास की एक सुरंग ऐसी है जिसका एक छोर एक मस्जिद पर मिला है। इस सुरंग और मस्जिद का इस्तेमाल भी हमास ने सैन्य उद्देश्यों के लिए किया है। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इजराइली युद्धक विमानों ने रात को जबालिया शरणार्थी शिविर के कई इलाकों, बेत लाहिया में घरों, गाजा के शेख जायद शहर में आवासीय टावरों के आसपास और इंडोनेशियाई अस्पताल के आसपास के इलाकों को निशाना बनाया है।
इस घमासान के बीच कहा गया है कि अमेरिका के आग्रह पर इजराइल मानवीय उद्देश्यों के लिए गाजा की अपनी नाकाबंदी के माध्यम से दैनिक ईंधन वितरण की अनुमति देने पर सहमत हो गया है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि मकतल बन चुके गाजा में बचे-खुचे लोग अपने परिजनों की तलाश में मलबे की खुदाई कर रहे हैं। लोगों को आशंका है कि ताश के पत्तों की तरह भरभराकर ढेर हो चुके घरों के मलबों में यह लोग दबे होंगे। उमर अल-दारवी और उनके पड़ोसियों के चारमंजिला घरों में पैंतालीस लोग रहते थे। इनमें से 32 की मौत हमले में हो चुकी है। दारवी व अन्य लोग मलबे से 27 शव निकाल चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामलों के कार्यालय का अनुमान है कि 1,500 बच्चों सहित लगभग 2,700 लोग लापता हैं। माना जा रहा है कि वे खंडहर हो चुके घरों के मलबे में दबे हुए हैं। इस बीच ब्रुनेई, इंडोनेशिया और मलेशिया ने गाजा में तत्काल मानवीय संघर्ष विराम का आह्वान किया है।