Hazaribagh : आईसेक्ट विश्वविद्यालय, हजारीबाग के मुख्य कैंपस सभागार में आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन व विधि विभाग के सहयोग से राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के बैनर तले मंगलवार को विश्व मानवाधिकार दिवस के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। एनएसएस के छात्र-छात्राओं की ओर से पेश किए गए लक्ष्य गीत व प्रेरक उद्बोधन से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। कार्यक्रम परिचय के बाद मौके पर मौजूद बतौर मुख्य अतिथि डीन एकेडमिक डॉ एमके मिश्रा ने विश्व मानवाधिकार दिवस पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दरअसल यह दिन सम्मान, स्वाभिमान और समानता के साथ मानव अधिकारों की रक्षा को लेकर जागरूक करता है। डॉ भीमराव अम्बेडकर के योगदान का उल्लेख करते हुए विशिष्ट अतिथि व विश्वविद्यालय के डीन एडमिन डॉ एसआर रथ ने कहा कि डॉ अम्बेडकर ने समाज की कुरीतियों और विकृतियों के खिलाफ संघर्ष किया। उन्होंने आज के युग में एकता और सहानुभूति के सिद्धांतों को बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।
मुख्य वक्ता व विधि विभाग डीन डॉ जयदीप सान्याल ने कहा कि मानवाधिकार एवं मूल स्वतंत्रता ऐसे व्यक्तिगत अधिकार हैं, जो मानवीय आवश्यकताओं और क्षमताओं पर आधारित होते हैं। ये वे अधिकार हैं, जिनके बिना व्यक्तित्व का हनन और प्रतिष्ठा का विनाश हो जाता है। विधि विभाग विभागाध्यक्ष कोमल पल्लवी भेंगरा ने मानवाधिकारों का संरक्षण एवं क्रियान्वयन करना हर नागरिक की जिम्मेदारी बतायी। राष्ट्रीय सेवा योजना समन्वयिका डॉ रोजी कांत ने मानवाधिकारों की शिक्षा को समाज में फैलाने की आवश्यकता पर बल दिया।
धन्यवाद ज्ञापन सीएस एंड आईटी विभाग डीन उदय रंजन ने किया। बताते चलें कि कार्यक्रम ने छात्र-छात्राओं को मानवाधिकारों के प्रति संवेदनशील बनाने और समाज में उनके महत्व को समझाने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मौके पर कृषि संकायाध्यक्ष डॉ अरविंद कुमार, एचआर राज तिवारी, टीपीओ मनोज कुमार, कृषि विभागाध्यक्ष डॉ सत्यप्रकाश विश्वकर्मा, प्रभात किरण, प्रतिभा हेंब्रम, फरहीन सिद्दीकी, संजय कुमार, डॉ आरसी राणा, डॉ विनय कुमार, तबरेज खान, प्रिति वर्मा, विशाखा बाला, मति गीता स्वामी सहित अन्य प्राध्यापक -प्रध्यापिकाओं व कर्मियों के साथ साथ स्वयंसेवकों व अन्य छात्र-छात्राओं की मौजूदगी रही।