Ranchi : राजधानी के बरियातू क्षेत्र से दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक नेत्रहीन 18 वर्षीय बेटी तीन वर्षों तक अपने ही पिता और भाइयों की दरिंदगी का शिकार बनती रही। उसके साथ बार-बार यौन शोषण हुआ, और दो बार गर्भपात भी कराया गया। इस घिनौनी सच्चाई को उसकी मां ने भी छुपा कर रखा, और पीड़िता को हर दिन नारकीय जीवन जीने को मजबूर किया।
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पर कहते हैं, हर अंधेरे के बाद एक उजाला होता है। इस बच्ची की दर्दनाक दास्तान तक जब नेत्र दिव्यांग अंतरराष्ट्रीय कवि जतिन कुमार मंडल पहुंचे, तो उन्होंने इसे हल्के में नहीं लिया। उन्होंने इसकी जानकारी बिरसा विकलांग उत्थान कल्याण केंद्र, सुकुरहुटू को दी, जहां से उसे तुरंत मदद का भरोसा मिला।
हालांकि, 29 जून की रात फिर से बच्ची पर हमला किया गया। उसके पिता और भाइयों ने मारपीट की, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई। किसी तरह वह पड़ोस की स्नेहलता दुबे के पास पहुंची और जतिन मंडल से संपर्क करवाने की गुहार लगाई। स्नेहलता ने हिम्मत दिखाते हुए उसे बरियातू थाने तक पहुंचाया।
लेकिन यहां से भी शुरुआत में न्याय नहीं मिला। पीड़िता को रात 2 बजे से शाम 8 बजे तक थाने में बिठाए रखा गया और एफआईआर दर्ज नहीं की गई। थानेदारों ने बहाने बनाए कि संबंधित अधिकारी बाहर हैं। तब बिरसा विकलांग केंद्र ने आजसू पार्टी के नेताओं मोहसिन खान और कैफ खान से संपर्क किया। दोनों नेताओं की सक्रियता के बाद ही केस दर्ज हो सका।
पुलिस ने बच्ची के पिता, एक भाई और मां को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि पीड़िता को तत्काल सुरक्षा के तहत रक्षा गृह भेजा गया। मेडिकल रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ है।
अब बिरसा विकलांग उत्थान कल्याण केंद्र ने पीड़िता के पुनर्वास, शिक्षा और सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाई है। आजसू पार्टी ने भी हरसंभव सहयोग देने का वादा किया है।
यह मामला केवल एक बच्ची का दर्द नहीं, बल्कि समाज को झकझोरने वाली सच्चाई है — कि न्याय तब ही संभव है, जब कुछ लोग चुप्पी तोड़कर आवाज उठाते हैं।



