Ranchi : जिले में गर्मी का सितम शुरू है। लगातार बढ़ते पारे से आसमान से आग बरसने लगी है। तापमान में बढ़ोतरी से लू के थपेड़े भी झुलसाने लगे हैं।

इससे दिन में लोगों का बाहर निकलनामुश्किल हो गया है। चिलचिलाती धूप में अगर कोई कंठ को राहत देता है तो वह है मिंट्टी की सुराही व घड़े का शीतल पानी। बुजुर्गों द्वारा बताया जाता है कि यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी नहीं है। ज्यादातर लोग फ्रिज के रहते हुए भी सुराही व घड़े का पानी पीना ही पसंद करते हैं। गर्मी को ध्यान में रखते हुए बाजार में स्थानीय कुम्हार सहित अन्य गांवों के कुम्हार साप्ताहिक बाजार में घड़े बेचने पहुंच रहे हैं। गर्मी में ठंडे पानी के लिए लोग मिट्टी के घड़ों का आज भी इस्तेमाल करते हैं। कांके , पिठौरिया, ठाकुर गांव के व्यापारी अलग आकार के मिट्टी से बने घड़े और सुराही बेचने के लिए बाजार में रखा है। व्यापारियों ने बताया कि 120 से 230 रुपए तक के घड़े उपलब्ध हैं। कारण गर्मी आते ही कुम्हार के घड़ों व सुराही की बिक्री में तेजी आने लगती है।

गांव व शहरो में इन दिनों तेज धूप के चलते घरों में घड़ों को लाकर उसका पानी पीने का सिलसिला शुरू हो गया है। जिससे कुम्हार इस बार बेहतर व्यापार की उम्मीद लगाये बैठे है। ग्रामीण क्षेत्र में पूर्व से ही सीधे नलों से या भी घड़ों के पानी पीने का चलन है। लेकिन फ्रिज ने लोगों को घड़े के सोंदे पानी के स्वाद से काफी दूर कर दिया था| लेकिन कोरोना महामारी में लोगों ने फ्रिज के पानी से तौबा कर ली। लोगों का मानना है कि फ्रिज का पानी सेहत के लिए ठीक नही है। लिहाजा अब बाजार में अधिकाशं लोगों का रुख पानी के लिए घड़े खरीदने की तरफ है।
घड़े व सुराही में नल लगाने की तकनीक कर रही आकर्षित
ठाकुर गांव के बाजार में घड़े बिक्री की दुकान चला रहे सधनू प्रजापति, साला प्रजापति ने बताया कि वह सादा घड़े लेकर आते है। उसके बाद उसमे एक टोंटी लगा देतें है। जिससे ग्राहक को घड़े के पानी में हाथ नही डालना पड़ता है और वह आसानी से पानी को गिलास में टोंटी के माध्यम से निकाल सकता है| अनिल के अनुसार धीरे-धीरे नल लगे घड़ा की मांग बढ़ने लगी। अनिल नें बताया कि घड़ा व सुराही मंगाई जाती है। फिर खुद वे घड़ा में ड्रिल कर छेद करते हैं और नल लगाने के बाद मिंट्टी, सीमेंट व गत्ता मिलाकर उसे फिक्स कर दिया जाता है।
120 से 300 रूपये में बिक्री हो रहा घड़ा
दुकानों पर वर्तमान में घड़े 120 से 300 रूपये तक ही है| इसके साथ ही टोंटी लगे घड़े में लगभग 45 रूपये अतिरिक्त खर्चा देना होता है| गांवो में कई दुकानें है जिन पर इन दिनों घड़ों की डिमांड बढ़ी है।
मिट्टी की बोतल की बढ़ रही है डिमांड
मिट्टी के बर्तनों में इस बार बहुत वैरायटी है । जिसमें सबसे ज्यादा मांग पानी की बोतल की है।100 से 120 रूपये में बिक्री हो रहा पानी बोतल । मिट्टी की पानी की बोतल आप कही भी ले जा सकते है।ऑफिस के लिए भी आप बैग में रखकर ले जा सकते है। पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष मिट्टी के बर्तनों को लेकर लोगों में ज्यादा क्रेज नजर आ रहा है । दुकानदारों ने बताया कि इस बार मिट्टी के बर्तन ज़्यादा बिक रहे हैं और खासकर मिट्टी की बोतल का ज्यादा क्रेज दिख रहा है। उन्होंने बताया कि मिट्टी की बोतल की खरीदारी बंगाल से किया जाता है। खर्च निकालकर 20 रुपए की आमदनी पर बोतलों की बिक्री की जा रही है।