Hazaribagh : विनोबा भावे विश्वविद्यालय के द्वारा संबंध बीएड महाविद्यालय के प्राचार्यों की एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर पवन कुमार पोद्दार ने की। अपराह्न 12:15 से आहूत बैठक मुख्य रूप से नैक प्रत्यायन के विषय पर आयोजित की गई थी।
कुलपति प्रो पवन कुमार पोद्दार ने सभी महाविद्यालय के प्राचार्यों एवं उपस्थित प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए नैक प्रत्यायन से संबंधित नियमों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नैक प्रत्यायन को बहुत कठिन नहीं समझा जाय। आवश्यकता है सभी प्रपत्रो को इकट्ठा कर व्यवस्थित रखने की। उन्होने आगे बताया कि महाविद्यालयों में सतत् मुलभूत सुविधाओं का विकास करना जरूरी है, जिससे कि नैक मूल्यांकन में अच्छा अंक प्राप्त किया जा सके। उन्होने यह भी कहा कि सही परिणाम के लिए टीमवर्क की जरूरत है। कुलपति ने बेस्ट प्रैक्टिसेज, शिक्षकों की गुणवत्ता, प्रायोगिक शिक्षा, विस्तार कार्यक्रम आदि पर विशेष बल देने की जरूरत को बताया। उन्होंने स्थानीय मांग के अनुसार नऐ पाठ्यक्रम चालू करने और उन्हें वैश्विक बनाने की सलाह दी।

सिर्फ डिग्री देने की जगह समग्र विकास पर बल देने की आवश्यकता है। छात्रों में संस्कार देने की सतत् कोशिश करनी चाहिए। उन्होनें यह भी बताया कि अति शीघ्र नैक से संबंधित एक कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। उक्त कार्यशाला के लिए संयुक्त रूप से गौतम बुद्ध शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, हजारीबाग एवं स्वामी धर्मबंधु शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, हजारीबाग के द्वारा सहमति दी गई। कार्यशाला में सभी प्राचार्यों की उपस्थिति अनिवार्य होगी।
कुलपति ने सभी प्राचार्यों को एक दूसरे से समन्वय बनाकर विभिन्न क्षेत्रों में एमओयू कर नैक की तैयारी में लगे रहने की सलाह दी। विश्वविद्यालय के तरफ से हर संभव सहयोग का आश्वासन भी दिया।
आदर्श कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर बिमल कुमार मिश्रा ने प्राचार्य को जानकारी दी की पूर्वी क्षेत्र अंतर विश्वविद्यालय खो-खो (महिला) प्रतियोगिता की मेजबानी विश्वविद्यालय के प्रांगण में दिनांक 06-08 फरवरी को सुनिश्चित किया गया है। उक्त कार्यक्रम मे सभी महाविद्यालयों की सहभागिता एवं सहयोग के लिए उन्होंने आह्वान किया। बैठक का संचालन नैक समन्वयक डॉ० गंगानन्द सिंह तथा धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव ने किया।
कायक्रम में छात्रकल्याण संकायअध्यक्ष डॉ विकास कुमार, कुलानुशासक प्रो मिथिलेश कुमार सिंह, कुलानुशासक, जागेश्वर मण्डा एवं मिनहाज उपस्थित थे।