Sambhal : हाल ही में रिलीज हुई फिल्म दा ताज और उसके बाद उठी बहस के बीच फिल्मकार अमित जानी ने ऐलान किया है कि उनकी नई फिल्म संभल फाइल्स बन रही है। अमित ने कहा कि कोर्टरूम ड्रामा और तथ्यों की दोनों तरफ से हुई बहस ने समाज में चल रही चर्चाओं को तेज किया है और ऐसी कहानियों को फिल्म का विषय बनना चाहिए ताकि दबी-छुपी जानकारी आम लोगों तक पहुंचे।
अमित जानी ने बातचीत में कहा, पिक्चर से डिसाइड कुछ नहीं होता लेकिन जानकारी बहुत सी दबी हुई आम लोगों तक पहुंचती हैं। ताजमहल और तेजोमहालय की चर्चा नई नहीं है पहले से चल रही है मुझे लगता है इस पर और ज्यादा चर्चा होनी चाहिए।
संभल फाइल्स फिल्म बनाने के ऐलान के बाद अमित जानी और टीम को धमकियाँ मिलीं। अमित ने स्वीकार किया कि उन्हें लगभग 6-7 धमकियाँ मिली हैं, और याद दिलाया कि उदयपुर फाइल के दौरान उन्हें लाखों धमकियाँ झेलनी पड़ी थीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि धमकियाँ उन्हें फिल्म बनाना रोक नहीं पाएंगी।
अमित ने कहा, जब भी आप इतिहास के पन्नों को खोलोगे… कुछ लोग जो दंगों को जस्टिफाई मानते हैं, वह इसका विरोध करेंगे। जो अच्छे लोग हैं वह कहेंगे सच्चाई दिखनी चाहिए। जो खराब लोग हैं वह कहेंगे सच्चाई मत दिखाओ — तो झूठ बोलना कहीं पाप है। हमारा काम सच्चाई दिखाना है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इन धमकियों में कश्मीर के कुछ लोगों का हाथ है और एक नाम (मोहम्मद शब्बीर) बताया गया, साथ ही उत्तर प्रदेश पुलिस और एसटीएफ से कार्रवाई की उम्मीद जताई।
अमित ने भरोसा जताया कि जिन्होंने धमकी दी हैं, उनके खिलाफ जल्द कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा, मैं यह कहना चाहता हूँ नौजवान अपने नेताओं के भड़कावे में आकर धमकियाँ ना दें, कानून का पालन करें। यूपी का कोई अगर धमकी देगा, मुझे तो यूपी पुलिस उसे खींच कर लेगी चाहे वह कश्मीर में हो, चाहे बंगाल में हो।
निर्माता ने बताया कि संभल फाइल्स की फिल्मांकन की तैयारियाँ काफी आगे बढ़ चुकी हैं कास्टिंग पूरी हो चुकी है और अब सिर्फ शूटिंग शेड्यूल तय करना बाकी है। उन्होंने कहा कि फिल्म की अधिकांश (लगभग 80%) शूटिंग संभल में ही होगी, जबकि कुछ हिस्से मुरादाबाद और बरेली जोन में फिल्माए जाएंगे। निर्माता ने बताया कि फिल्म का उद्देश्य 1973, 1976 और 1978 में संभल में हुई घटनाओं और उन घटनाओं के सामाजिक-राजनीतिक पहलुओं को उजागर करना है जिनमें कथित तौर पर सत्ता से जुड़े लोगों के अपराध और उनकी जांच-प्रक्रियाओं के मामले भी शामिल हैं।
अमित जानी ने उदयपुर फाइल के अनुभव का जिक्र करते हुए कहा कि पिछली बार धमकियों के बावजूद फिल्म रिलीज हुई और कई धमकी देने वालों पर मुकदमे और पाबंदी लगी। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि जो लोग धमकी देकर फिल्म को रोकने की कोशिश कर रहे हैं, वह अपना भविष्य बर्बाद कर रहे हैं।
अमित जानी के अनुसार संभल फाइल्स केवल एक फ़िल्म नहीं, बल्कि एक समाज के दर्पण की तरह होगा। जिसका मकसद इतिहास की छुपी-छुपी सच्चाइयों को सामने लाना है। धमकियों के बावजूद फिल्म निर्माण जारी है।








