Bhopal: खगोल विज्ञान और चंद्र प्रेमियों के लिए आज रात आसमान बेहद खास होने वाला है। आज की पूर्णिमा की रात एक दुर्लभ खगोलीय घटना घटने जा रही है, जिसे स्ट्राबेरी मून कहा जाता है। यह दृश्य न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि देखने में भी अत्यंत सुंदर होता है।
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नेशनल अवॉर्ड विजेता विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने जानकारी देते हुए बताया कि ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के अवसर पर आज सूर्यास्त के तुरंत बाद पूर्वी दिशा में चंद्रमा उदित होगा। इस पूर्ण चंद्र को पश्चिमी देशों में “स्ट्राबेरी मून” कहा जाता है, क्योंकि इस समय वहां जंगली स्ट्राबेरी के पकने का मौसम होता है।
भारत में पूर्णिमा की खगोलीय स्थिति दोपहर 1 बजकर 13 मिनट पर होगी, जब यहां दिन होगा। हालांकि चंद्रमा का वास्तविक दर्शन सूर्यास्त के बाद किया जा सकेगा। यह चंद्रमा आधी रात को आकाश के केंद्र में होगा और गुरुवार सुबह पश्चिम दिशा में अस्त हो जाएगा।
सारिका ने बताया कि कुछ देशों में इसे “हॉट मून”, “रोज मून” या “मीड मून” भी कहा जाता है। इस पूर्णिमा पर चंद्रमा पृथ्वी से लगभग 4 लाख किलोमीटर दूर रहेगा, इसलिए यह सामान्य से थोड़ा छोटा दिखाई देगा।
उन्होंने बताया कि पारंपरिक समय गणना और ऋतु परिवर्तन की पहचान के लिए पूर्णिमा के चंद्रमा का उपयोग “आकाशीय घड़ी” के रूप में किया जाता रहा है। हर 20 वर्षों में एक बार ऐसा संयोग बनता है जब स्ट्राबेरी मून और समर सोलिस्टस एक साथ होते हैं। अगली बार स्ट्राबेरी मून 30 जून 2026 को दिखाई देगा।
खगोल प्रेमियों के लिए यह एक यादगार अनुभव हो सकता है। यदि मौसम साफ रहा तो आप इस सुंदर चंद्र दर्शन को नग्न आंखों से भी देख सकते हैं।