Puri : रथयात्रा केवल धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि सेवा, समर्पण और सादगी की जीवंत मिसाल है। इस बार की पुरी रथयात्रा में अदाणी समूह और इस्कॉन की साझेदारी से संचालित विशाल हाईटेक प्रसाद रसोई श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। यह रसोई न केवल आधुनिक तकनीक, बल्कि पारंपरिक मूल्यों और जैविक जीवनशैली का बेजोड़ संगम प्रस्तुत कर रही है।
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इस रसोई की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहां इस्तेमाल होने वाली अधिकतर खाद्य सामग्री जैविक (ऑर्गेनिक) स्रोतों से लाई जा रही है। प्रतिदिन लगभग 3-4 टन चावल, 500 किलो आटा, और 4-5 टन दालें पूरी स्वच्छता और गुणवत्ता के साथ पकाई जा रही हैं। यहां का भोजन सिर्फ स्वाद में बेहतरीन नहीं, बल्कि पवित्रता और स्वास्थ्य की दृष्टि से भी सराहनीय है।
खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता के लिए यह रसोई FSSAI और ISO 22000 HACCP जैसे मानकों का पालन कर रही है। सब्जियों की धुलाई, दालों को भिगोने और खाना पकाने की हर प्रक्रिया तय दिशा-निर्देशों के अनुसार की जाती है, जिससे गुणवत्ता से कोई समझौता न हो।
स्टोरेज के लिए भी अत्याधुनिक व्यवस्थाएं की गई हैं। एक बड़ा स्टोरेज और एक छोटा वेयरहाउस मुख्य रसोई के पास मौजूद हैं। इसके अलावा, सब्जियों और डेयरी उत्पादों के लिए कोल्ड स्टोरेज यूनिट भी स्थापित की गई है, जिससे भोजन की ताजगी और पोषण लंबे समय तक बरकरार रहता है।
इस पूरी रसोई को चौबीसों घंटे संचालन में रखा गया है, जहां लगभग 500 कर्मी अलग-अलग शिफ्ट में सेवा दे रहे हैं। ये लोग सिर्फ भोजन नहीं बना रहे, बल्कि श्रद्धा और सेवा की भावना से परिपूर्ण प्रसाद तैयार कर रहे हैं, जो लाखों श्रद्धालुओं तक निःशुल्क पहुंचाया जा रहा है।
यह प्रसाद, जिसमें भात, दाल, सब्ज़ी, खिचड़ी और खीर जैसे व्यंजन शामिल हैं, न केवल स्वाद से भरपूर है, बल्कि भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक अनुभव भी है।
अदाणी-इस्कॉन रसोई ने इस बार की रथयात्रा में यह सिद्ध कर दिया है कि जब तकनीक, परंपरा और सेवा भाव एक साथ मिलते हैं, तो एक नई आध्यात्मिक परंपरा की शुरुआत होती है। यह रसोई एक उदाहरण है कि आधुनिकता और अध्यात्म साथ-साथ चल सकते हैं।