Ranchi : झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार के कार्यों को बाधित करने के लिए केंद्र संविधानिक संस्थाओं और कानून का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने कहा, “ऐसा लगता है कि कानून इनके जेब में है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि कई राज्यों में विपक्ष की सरकारें हैं, जिन्हें केंद्र लगातार घेरने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार दलित, आदिवासी, पिछड़े और किसानों के हित में मजबूती से काम करती रहेगी।
“सिर्फ दिखावा, असल में और ही एजेंडा”
सीएम सोरेन ने केंद्र पर आरोप लगाया कि वह जो कहती है, वह करती नहीं है, और जो नहीं कहती, वही असल में करती है। लद्दाख के सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र ने उन्हें सम्मान नहीं दिया, बल्कि उनके प्रयासों को दबाने में जुटी है।
उन्होंने नए कानून संशोधन पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि कोई जनप्रतिनिधि 30 दिन जेल में रहता है, तो उसकी सदस्यता समाप्त हो सकती है। “इसका क्या औचित्य है? इसके पीछे एक बड़ा छिपा हुआ एजेंडा है,” उन्होंने कहा।
खनिज संपदा से देश ने पाया, राज्य को मिला दर्द
सीएम ने झारखंड की खनिज संपदा को लेकर कहा कि इसने देश को अरबपति-खरबपति दिए, लेकिन राज्य पिछड़ता चला गया। उन्होंने बताया कि यूरेनियम खनन क्षेत्रों में हर तीसरा व्यक्ति बीमारी से ग्रसित है और बच्चे अपंग जन्म ले रहे हैं।
उन्होंने खुलासा किया कि कोयला, आयरन ओर और बॉक्साइट की खदानों की नीलामी सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय से मॉनिटर होती है। “लगता है कुछ समय बाद राज्य में सिर्फ खनन ही बचेगा।”
राजनीतिक षड्यंत्र और फर्जी दलों पर भी बोले सीएम
रिम्स टू के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि विपक्ष राजनीतिक रोटियां सेंकने में लगा है और बड़े स्तर पर फंडिंग कर विरोध खड़ा किया जा रहा है। उन्होंने गुजरात में बने फर्जी दलों का जिक्र करते हुए कहा कि 10 गुमनाम दलों को ₹4300 करोड़ चंदे में मिले, जबकि खर्च सिर्फ ₹25-26 करोड़ ही दिखाया गया।
“विश्वगुरु बनाना चाहते हैं या खुद को?”
सीएम ने केंद्र की ‘विश्वगुरु’ बनाने की मंशा पर तंज कसते हुए कहा, “ये देश को नहीं, खुद और अपने व्यापारिक साथियों को विश्वगुरु बनाना चाहते हैं।” उन्होंने कहा कि झारखंड विधानसभा ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन को भारत रत्न देने का प्रस्ताव पारित किया है, अब देखना है कि केंद्र क्या कार्रवाई करता है।
उन्होंने विपक्ष से अपील की कि वह सकारात्मक राजनीति करे और झारखंड के हित में सहयोग दे। “आज झारखंड की योजनाएं मॉडल के रूप में देखी जा रही हैं। सभी क्षेत्रों में बड़े स्तर पर काम करने की जरूरत है।”








