Jerusalem/Tehran : इजराइल और ईरान के बीच लगातार तीसरे दिन भी जारी संघर्ष ने गंभीर रूप ले लिया है। दोनों देशों के बीच हुए हमलों में अब तक ईरान में 406 लोगों की मौत और 654 से अधिक लोग घायल हुए हैं। वहीं, इजराइल में 14 लोगों की मौत और 400 से अधिक लोग घायल बताए गए हैं।
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मानवाधिकार संस्था ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट्स की रिपोर्ट के अनुसार, इजराइल ने ईरान के परमाणु और सैन्य प्रतिष्ठानों पर एक के बाद एक हमले कर संघर्ष को और गहरा कर दिया है। इन हमलों में कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और वैज्ञानिक मारे गए हैं।
तेहरान में तबाही, तेल रिफाइनरियों पर हमला
ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराकची के अनुसार, इजराइल ने राजधानी तेहरान और फारस की खाड़ी से लगे एक प्रांत की दो बड़ी तेल रिफाइनरियों पर हमला किया, जिससे क्षेत्रीय ही नहीं, वैश्विक ऊर्जा संकट की आशंका गहराने लगी है।
तेहरान में रविवार को वैली-ए-असर स्क्वायर और एयरफोर्स हेडक्वार्टर के पास जोरदार धमाके हुए। मशहद हवाई अड्डे पर भी हमला किया गया, जो अब तक का सबसे लंबी दूरी का इजराइली हमला माना जा रहा है।
इजराइल में भी तबाही
इजराइल में भी ईरानी हमलों का असर गहरा है। तेल अवीव के पास बाट याम शहर में एक रिहायशी इमारत गिरने से दो बच्चों समेत छह की मौत हुई, वहीं तमरा शहर में एक अन्य हमले में 13 वर्षीय बच्चा सहित चार लोग मारे गए।
हाइफा और रेहोवोट शहरों में भी मिसाइल हमलों से नुकसान हुआ, हालांकि कुछ जगहों पर कोई जानहानि नहीं हुई।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजराइल को समर्थन देते हुए कहा कि ईरान को और तबाही से बचना है तो उसे नया परमाणु समझौता स्वीकार करना होगा। वहीं, ईरान ने अमेरिका को संघर्ष का साझेदार बताते हुए जिम्मेदारी लेने की मांग की है।
ईरानी टेलीविजन के मुताबिक, राजधानी के मेट्रो स्टेशन और मस्जिदों को अब बम शेल्टर में बदला जा रहा है। इससे अंदेशा है कि संघर्ष अभी थमने वाला नहीं है।








