Ranchi : राजधानी रांची में मानसून की पहली तेज बारिश ने एक बार फिर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की सच्चाई उजागर कर दी है। स्मार्ट सिटी क्षेत्र में करोड़ों रुपये की लागत से बनी सड़कों पर बारिश का पानी इस कदर भर गया कि पूरी सड़क तालाब में तब्दील हो गई।
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बारिश के बाद का नजारा बेहद चिंताजनक था। गाड़ियाँ और बाइक सवार पानी से जूझते दिखे, कहीं-कहीं तो लोग अपने जूते हाथ में लेकर सड़क पार करते नजर आए। राहगीरों के लिए यह सिर्फ असुविधा नहीं, बल्कि जोखिम का कारण बन चुका है। कई दोपहिया वाहन बीच पानी में बंद हो गए।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यहां की ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह फेल है। नालियों की सही निकासी नहीं होने के कारण बारिश का पानी सड़क पर ही जमा हो गया। यह समस्या हर साल मानसून में सामने आती है, लेकिन अब स्मार्ट सिटी योजना पर सवाल उठने लगे हैं।
सरकार एक ओर दावा करती है कि रांची को आधुनिक, हरित और हाईटेक शहर में बदला जा रहा है, दूसरी ओर बुनियादी ढांचा हर बार बारिश में दम तोड़ता नजर आता है। नागरिकों का कहना है कि जब एक सामान्य बारिश से सड़कों की यह हालत हो रही है, तो भारी बारिश में क्या होगा?
इस बीच नगर निगम और स्मार्ट सिटी प्रबंधन पर उंगलियां उठनी शुरू हो गई हैं। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि जल्द से जल्द ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त किया जाए और बारिश से पहले नालियों की सफाई और जल निकासी की ठोस व्यवस्था की जाए।
यदि समय रहते सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए, तो स्मार्ट सिटी का सपना लोगों के लिए एक बड़ी मुसीबत में बदल सकता है। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि प्रशासन अब इस समस्या को गंभीरता से लेगा और स्थायी समाधान सुनिश्चित करेगा।








