Ranchi : झारखंड की राजनीति में अपनी ठोस पहचान रखने वाली आजसू पार्टी ने 22 जून को मनाए जाने वाले स्थापना दिवस को बलिदान दिवस के रूप में ऐतिहासिक बनाने की ठानी है। इसी कड़ी में शनिवार को कांके विधानसभा क्षेत्र में एक व्यापक तैयारी बैठक का आयोजन हुआ, जिसमें पार्टी के शीर्ष नेतृत्व, पंचायत प्रतिनिधि, और अनेक उत्साही कार्यकर्ता शामिल हुए।
Also Read : बजरंग दल का सेवा सप्ताह और अमरनाथ यात्रा बनी युवा चेतना का प्रतीक
प्राकृतिक वातावरण में रणनीति का संकल्प:
पेड़ों की छांव और हरियाली के बीच आयोजित इस बैठक में पार्टी के विचारों और आगामी योजनाओं को लेकर नई ऊर्जा देखने को मिली। पार्टी प्रमुख सुदेश महतो ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि “बलिदान दिवस केवल इतिहास को याद करने का दिन नहीं, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए दिशा देने वाला प्रेरणा पर्व है।” उन्होंने बलिदान दिवस को झारखंड की अस्मिता, सम्मान और संघर्ष की आवाज़ बताया।
नेतृत्व और एकता का संगम:
बैठक में कई वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया, जिनमें प्रमुख रूप से
- देवशरण भगत – केंद्रीय प्रवक्ता
- प्रवीण प्रभाकर – वरिष्ठ नेता
- हकीम अंसारी – रांची जिला कार्यकारी अध्यक्ष
- मोजीबुल रहमान – जिला उपाध्यक्ष
साथ ही पार्वती देवी, रामजीत गंझू, संजीव कुमार महतो, अभिषेक राज हेरेंज, शत्रुघ्न महतो, अमन लाल समेत कई पंचायत प्रतिनिधि और युवा नेता उपस्थित थे।
बैठक में लिए गए प्रमुख निर्णय:
- बलिदान दिवस को महज एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि जनभावना और जनजागरण का पर्व बनाना।
- पंचायत से लेकर जिला स्तर तक समूहिक भागीदारी सुनिश्चित करना।
- पार्टी की विचारधारा और शहीदों के बलिदान को जन-जन तक पहुँचाना।
कार्यकर्ताओं में दिखा उत्साह:
हर कार्यकर्ता ने यह संकल्प लिया कि वह अपने क्षेत्र में परिवर्तन की मशाल जलाएगा। आजसू पार्टी का हर कदम झारखंड की मिट्टी और उसकी अस्मिता की रक्षा के लिए समर्पित होगा।
यह आयोजन झारखंड की सियासत में आजसू की नई भूमिका और मजबूती की झलक दिखाता है, साथ ही आने वाले समय में पार्टी की जनभागीदारी और विस्तार का संकेत भी देता है।